नेहा मदान, तिरुवनंतपुरम। बाढ़ और बारिश की भीषण त्रासदी झेल रहे केरल में अगस्त के पहले 20 दिनों के दौरान रेकॉर्डतोड़ बारिश हुई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 87 साल के दौरान अगस्त के महीने में ऐसी मूसलाधार बारिश पहली बार हुई है।
1 से 20 अगस्त के बीच इस साल राज्य में 771 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। 1931 के बाद से अगस्त में इतनी बारिश पहले कभी नहीं हुई थी। आईएमडी के क्लाइमेट डेटा मैनेजमेंट ऐंड सर्विसेज के प्रमुख पुलक गुहाठाकुरता का कहना है कि 1931 में केरल में अगस्त महीने में 1,132 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई थी। यह सबसे ज्यादा बारिश वाला महीना था। इस साल अगस्त में हुई बारिश आमतौर पर होने वाली बारिश से ढाई गुना ज्यादा है। इडुक्की जिले में इस महीने बारिश का पिछले 111 साल का रेकॉर्ड टूट गया है। यहां बाढ़ ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया है। अगस्त में यहां अब तक 1,419 मिमी बारिश हो चुकी है। इससे पहले 1907 में इडुक्की में 1,387 मिमी बारिश दर्ज हुई थी।

घटती बारिश के बाद जल प्रलय से हैरानी : मौसम विभाग का कहना है कि इस बार आई जल प्रलय के लिए केरल बिल्कुल तैयार नहीं था। पिछले कई सालों से यहां लगातार कम मॉनसूनी बारिश हो रही थी। पुलक गुहाठाकुरता कहते हैं, ‘केरल में 1875 से लेकर 2017 तक मॉनसून के दौरान बारिश का घटता ट्रेंड देखने को मिला है। सबसे आखिर के दशक में 2013, 2014 और 2018 के दौरान इसका उल्टा हुआ। यही वजह है कि राज्य ने इतनी भारी बारिश की अपेक्षा नहीं की थी।’
इडुक्की में अगस्त महीने के दौरान लगातार चार दिन भारी से बेहद भारी बारिश दर्ज की गई। इसके बाद वहां एक दिन 25.4 मिमी बारिश और फिर अगले छह दिन भारी से बेहद भारी बारिश हुई। हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में गुहाठाकुरता ने बताया, ‘1 से 20 अगस्त के दौरान पांच दिन 70 से 110 मिमी बारिश हुई। इसके बाद तीन दिन बहुत भारी बारिश (120 से 200 मिमी) और दो दिन बेहद भारी बारिश (200 मिमी से ज्यादा) दर्ज की गई।’ इडुक्की के पीरमदे में 24 घंटे के दौरान बारिश का 100 साल का रेकॉर्ड टूट गया। यहां अगस्त के दौरान तीन बार बहुत भारी और तीन बार बेहद भारी बारिश देखने को मिली। अगस्त में कुछ दिए ऐसे भी थे, जब जिले के सभी इलाकों में 100 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज की गई।

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