रांची : आगामी एक दिसंबर से राज्य में शराब बेचने की व्यवस्था में परिवर्तन हो सकता है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उत्पाद विभाग को सरकारी शराब दुकानों की जगह हाइब्रिड सिस्टम से खुदरा शराब बेचने की व्यवस्था लागू करने पर मौखिक सहमति प्रदान कर दी है. हाइब्रिड सिस्टम में शराब की कुल दुकानों की निर्धारित फीसदी का संचालन मॉडल शॉप के रूप में बिवरेज कॉरपोरेशन करेगा. शेष दुकानों का संचालन लाइसेंस के माध्यम से कराया जायेगा. लाइसेंस देने के लिए उत्पाद विभाग फिर से लॉटरी करायेगा. उत्पाद विभाग द्वारा संबंधित प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी के बाद सरकारी शराब की दुकानों पर ताला लग जायेगा.
बढ़ने की जगह घट रहा है राजस्व : सरकार द्वारा शराब की खुदरा बिक्री स्वयं करने के फैसले के बाद से उत्पाद विभाग को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है. राज्य में शराब की बिक्री में वृद्धि नहीं हो रही है. निर्धारित लक्ष्य से राजस्व वसूली कोसों दूर है. चालू वित्तीय वर्ष में निर्धारित 1500 करोड़ रुपये राजस्व के विरुद्ध एक हजार करोड़ रुपये की भी वसूली नहीं हो सकी है. गत वित्तीय वर्ष की तुलना में भी वसूली का प्रतिशत कम रहा. झारखंड में कॉरपोरेशन के माध्यम से शराब की खुदरा बिक्री छत्तीसगढ़ के मॉडल के आधार पर ही की गयी थी. छत्तीसगढ़ सरकार को शराब से राजस्व का बड़ा हिस्सा मिलता है.
हालांकि, सूत्र बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में भी सरकार द्वारा शराब की खुदरा बिक्री के फैसले के बाद राजस्व में काफी कमी आयी है. छत्तीसगढ़ सरकार को शराब से पहले की तुलना में 35 फीसदी कम राजस्व की प्राप्ति हुई है.शराब की खुदरा बिक्री से हो रहे नुकसान और सामने आ रही परेशानियों से उत्पाद विभाग ने पूर्व में ही मुख्यमंत्री को अवगत कराया था. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने अन्य राज्यों के मॉडल के अध्ययन की आवश्यकता बतायी. उन्होंने उत्पाद विभाग के अधिकारियों को छत्तीसगढ़ जाने और वहां के हालात पर रिपोर्ट बना कर देने का निर्देश दिया है. उसके बाद उत्पाद विभाग के अधिकारियों ने छत्तीसगढ़, दिल्ली आदि राज्यों का अध्ययन कर हाइब्रिड मॉडल के जरिये शराब बेचने का सुझाव दिया है.