रांची.   झारखंड राज्य राजस्व उप निरीक्षक संघ ने 2400 रुपए ग्रेड पे सहित अन्य मांगों पर सरकार द्वारा आनाकानी करने के विरुद्ध में राजभवन के सामने एकदिवसीय धरना दिया। संघ का कहना है कि धरने के माध्यम से राज्यपाल का ध्यान आकृष्ट कराने के साथ सरकार को दिशा-निर्देश दिलाना है। संघ के महासचिव कुमार सत्यम भारद्वाज धरना कार्यक्रम में राज्य के अधिकांश जिलों के राजस्व उप निरीक्षकों ने हिस्सा लिया। संघ के धरना कार्यक्रम का समर्थन झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ, पेयजल एवं स्वच्छता कर्मचारी संघ, पुलिस कर्मचारी संघ, लघु सिंचाई कर्मचारी संघ ने किया। सभी संघ के लोग भी धरना में शामिल हुए। मौके पर संघ के अध्यक्ष राजेश कुमार, उपाध्यक्ष विमल कुमार, अजित बाजराय, सचिव अशोक कुमार सिंह, सुकेश रंजन, संतोष कुमार मिश्रा, मनोज कुमार गुप्ता, प्रवीण कुमार, अनिल कुमार वर्मा, मनोज कुमार सिन्हा, कासिफ रजा आदि ने धरने को संबोधित किया।

ये हैं मांग

वर्ष 2017 में सरकार से हुए समझौते के बाद भी 2400 रुपए ग्रेड पे अब तक लागू नहीं किया गया। तत्काल लागू हो।

अंचल निरीक्षक सह कानूनगो के चिह्नित 372 पदों को 50 प्रतिशत वरीयता के आधार पर, 25 प्रतिशत विभागीय सीमित प्रतियोगिता के आधार पर और 25 प्रतिशत सीधी बहाली से भरी जाए।

पदोन्नति से वंचित राजस्व उप निरीक्षकों को प्रोन्नत पद का वेतनमान एवं वित्तीय लाभ दिया जाय एवं नई बहाली के पूर्व योग्यता स्नातक किया जाए।

पांच वर्ष सेवावधि पूर्ण करने वाले राजस्व उप निरीक्षकों को किसी भी तरह के विभागीय सीमित प्रतियोगिता परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए।

सुचारू रूप से कार्य निष्पादन के लिए कंप्यूटर-नेट की सुविधा, क्षेत्रीय भ्रमण हेतु मोटरसाइकिल एवं सुरक्षित जगह पर हल्का सह आवास की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए।

शहरी अंचलों को छोड़ सामान्य तौर पर जो अंचल हैं उनके मुख्यालय से हल्का मुख्यालय की दूरी 65 किमी तक है, राजस्व उप निरीक्षकों को प्रतिदिन अंचल कार्यालय में आकर बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज कराना संभव एवं व्यवहारिक नहीं है। इसलिए इस संबंध में सरकार दिशा-निर्देश जारी करें।

चिकित्सा भत्ता के जगह पर पूरे परिवार के लिए स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराई जाए।

रेवन्यू जजेज प्रोटक्शन एक्ट के राह में आने वाले सभी बाधाओं को दूर कर इसे लागू किया जाए।

सीपीएफ को बंद कर जीपीएफ का कटौती एवं पुराना पेंशन व्यवस्था लागू की जाए।

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