गुमला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में झारखंड के जिला गुमला का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि समय के साथ इस जिले के लोग उग्रवाद का रास्ता छोड़कर कैसे बेहतर जिंदगी ओर कदम बढ़ा रहे है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कभी-कभी सबसे बड़ा उजाला वहीं से फूटता है, जहां अंधेरे ने सबसे ज्यादा डेरा जमाया हो। ऐसा ही एक उदाहरण है झारखंड के गुमला ज़िले का। एक समय था, जब ये इलाका माओवादी हिंसा के लिए जाना जाता था। बासिया ब्लॉक के गांव वीरान हो रहे थे। लोग डर के साये में जीते थे। रोज़गार की कोई संभावना नज़र नहीं आती थी, ज़मीनें खाली पड़ी थी और नौजवान पलायन कर रहे थे, लेकिन फिर, बदलाव की एक बहुत ही शांत और धैर्य से भरी हुई शुरुआत हुई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ओमप्रकाश साहू नाम के एक युवक ने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया। यह बदलाव कोई आसान फैसला नहीं था। उन्हें समाज के कुछ वर्गों का विरोध भी झेलना पड़ा और धमकियों का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। ओमप्रकाश साहू ने ‘प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना’ के तहत प्रशिक्षण प्राप्त किया, तालाब खुदवाए और धीरे-धीरे आसपास के गांवों में भी बदलाव की बयार बहने लगी। आज बासिया ब्लॉक के 150 से अधिक परिवार मत्स्य पालन से जुड़ चुके हैं। फिर अपने जैसे कई अन्य साथियों को भी इसके लिए प्रेरित किया। उनके इस प्रयास का असर भी हुआ। जो लोग पहले बंदूक थामे हुए थे, अब मछली पकड़ने वाला जाल थाम चुके हैं।

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