नयी दिल्ली : वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर का बुधवार रात दिल्ली के एक अस्पताल में 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. कुलदीप नैयर ने पिछले ही सप्ताह 15 अगस्त को 95 वर्ष पूरे किये थे. 14 अगस्त 1923 को सियालकोट अब पाकिस्तानी हिस्सा में जन्मे कुलदीप नैयर ने पत्रकारिता को अपने कैरियर के रूप में चुना था. वे देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के प्रेस सलाहकार भी रहे थे. वे राज्यसभा के सदस्य के रूप में भी मनोनीत किये गये थे.
उनके परिवार के एक सदस्य ने उनके निधन की जानकारी दी. वरिष्ठ पत्रकार के बड़े बेटे सुधीर नैयर ने बताया कि उनके पिता की मौत कल आधी रात के बाद 12 बजकर 30 मिनट पर एक निजी अस्पताल में हुई. उनके परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे हैं. नैयर का अंतिम संस्कार लोधी शवदाह गृह में किया जाएगा. उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह सहित कई बड़ी हस्तियों ने दु:ख जताया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुलदीप नैयर को ‘‘बुद्धिजीवी” बताया और कहा कि वरिष्ठ पत्रकार को उनके निर्भीक विचारों के लिए हमेशा याद किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वह उनके निधन से दुखी हैं. मोदी ने टि्वटर पर कहा, ‘‘कुलदीप नैयर हमारे समय के बुद्धिजीवी थे. अपने विचारों में स्पष्ट और निर्भीक. बेहतर भारत बनाने के लिए आपातकाल, जन सेवा और प्रतिबद्धता के खिलाफ उनका कड़ा रुख हमेशा याद किया जाएगा.”
कुलदीप नैयर ने उर्दू रिपोर्टर के रूप में कैरियर की शुरुआत की थी, लेकिन उन्होंने प्रमुखता से अंग्रेजी अखबारों के लिए काम किया और उनके लेख अनेकों हिंदी अखबारों में भी छपते थे. वे अंग्रेजी अखबार द स्टेट्समैन के दिल्ली एडिशन के संपादक रहे और इमरजेंसी के दौरान उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था.

नैयर की पहचान शांति प्रयासों के लिए काम करने वाले शख्स व मानवाधिकार कार्यकर्ता के रूप में भी रही है. वे भारत-पाकिस्तान के बीच बेहतर संबंध के लिए हमेशा प्रयासरत रहे. उनके निधन की सूचना सबसे पहले इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने ट्विटर पर दी.

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