चेन्नै। डीएमके संस्थापक करुणानिधि के निधन के बाद पार्टी में चल रही वर्चस्व की जंग पर अल्पविराम लगा है। मंगलवार को पार्टी की महापरिषद की बैठक में डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष और करुणानिधि के बेटे एमके स्टालिन को पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया गया। इसके अलावा पार्टी कोषाध्यक्ष के लिए वरिष्ठ नेता और पार्टी के प्रधान सचिव दुरईमुरुगन को भी पार्टी का नया कोषाध्यक्ष चुना गया है। चेन्नै स्थित डीएमके मुख्यालय में महापरिषद की बैठक की तैयारियां जोरों पर चल रही थीं। स्टालिन की अध्यक्ष बनने के जश्न में डूबे उनके समर्थक जमीन से लेकर सोशल मीडिया तक एक-दूसरे को बधाइयां दे रहे हैं।
अध्यक्ष पर पर चुने जाने के बाद स्टालिन ने अपने समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया और कार्यालय में पार्टी संस्थापक सीएन अन्नादुरई और अपने पिता एम करुणानिधि को श्रद्धांजलि दी।

स्टालिन को मिला था कई नेताओं का साथ
एम करुणानिधि के निधन के बाद उनके 65 वर्षीय बेटे स्टालिन को अध्यक्ष चुनने की तैयारी काफी पहले से शुरू हो गई थी। रविवार को औपचारिक रूप से नामांकन दाखिल करने से पहले स्टालिन, दुरईमुरुगन और वरिष्ठ पार्टी नेताओं टी आर बालू तथा ए राजा ने करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल से उनके गोपालापुरम आवास पर जाकर मुलाकात की थी।

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