आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर पूछा है कि क्या राज्य में पुलिस का खुफिया तंत्र फेल हो चुका है। उन्होंने कहा कि पंद्रह अगस्त को एक दैनिक अखबार के मालिक तथा कारोबारी अभय सिंह के कार्यालय में फायरिंग की घटना होती है। हाई एलर्ट की स्थिति में इस प्रकार की घटना होने से राज्य की विधि-व्यवस्था पर सवाल उठते हैं। आपको भी तीन बार मेल के जरिये अपराधियों की ओर से धमकी दी जा चुकी है। इस मामले में भी 40 दिन गुजरने के बाद पुलिस के हाथ खाली हैं। अभय सिंह मामले में पुलिस ने उसमें संलिप्त चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है पर इनकी गिरफ्तारी से पुलिस और सरकार की लापरवाही को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सवाल ये है कि प्रदेश में अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ कैसे है। जब हाई अलर्ट वाले दिन यह स्थिति है तो राज्य के सुदूरवर्ती इलाकों में विधि-व्यवस्था का आलम सहज ही समझा जा सकता है। इसके अलावा यह भी शिकायतें मिल रही हैं कि राज्य के छोटे-बड़े पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में बड़े पैमाने पर रिश्वतखोरी हो रही है। पैसे लेकर अधिकारियों और सत्ता में मौजूद नेताओं की ओर से मनपसंद स्थानों पर अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग की बात सामने आ रही है। केवल दुमका में ट्रकों के परिवहन से लगभग 50 लाख तक की वसूली की जा रही है। वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार पुलिस की ऊर्जा का इस्तेमाल अपने प्रतिद्वंद्वियों को निपटाने और उन्हें सबक सिखाने में कर रही है। मुझे लगता है कि नौकरशाही इन विषयों को आपको या तो समझने नहीं दे रही या फिर आप समझ नहीं पा रहे हैं।