भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका (पीआइएल) पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों का हवाला देते हुए प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि साल 2008 में कांग्रेस और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच साइन हुए एक करार (एमओयू) पर शीर्ष न्यायालय तक हैरान है। कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी को इस पर सफाई देनी चाहिए।
 नड्डा ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा ‘सुप्रीम कोर्ट भी कांग्रेस पार्टी और चीनी सरकार के बीच हुए समझौते से हैरान है। इस एमओयू पर हस्ताक्षरकरने वाली सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी को सफाई देनी चाहिए। क्या इस समझौते की वजह से राजीव गांधी फाउंडेशन को चंदा मिला और बदले में चीन के लिए भारतीय बाजार को खोल दिया गया। जिससे भारतीय कारोबार पर बुरा असर पड़ा?’
 भाजपा अध्यक्ष के बाद पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने हमले को धार देते हुए कहा कि साल 2008 में सोनिया और राहुल गांधी ने बीजिंग में जाकर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। इस करार के मुताबिक, सभी क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय विषयों में आदान-प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आज खुद सुप्रीम कोर्ट ने इस पर एक टिप्पणी करते हुए कहा है कि ये जानकर आश्चर्य हो रहा है कि क्या कोई राजनीतिक दल किसी दूसरे देश के साथ कोई एमओयू कर सकता है।
 उल्‍लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस और चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के बीच साल 2008 में हुए कथित समझौते की राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) से जांच की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।
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