रांची। झारखंड कांग्रेस ने बिजली विभाग, केईआई और केबुल कंपनियों की लापरवाही से राज्य में निरंतर हो रही दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेवार अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही पीड़ित परिवार को मुआवजा और सरकारी प्रावधान के अनुरूप अन्य सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे और राजेश गुप्ता ने मंगलवार को बताया कि पिछले तीन-चार महीनों में लॉकडाउन अवधि में राज्य के विभिन्न जिलों में लगातार दर्जनों लोगों की मौत हो रही है। पार्टी इस तरह के हादसे के शिकार सभी पीड़ित परिवारों के हक और अधिकार के लिए आंदोलन चला रही है। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग एवं केईआई कंपनी की लापरवाही से जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई है। ऐसे लोगों की पहली सूची आज जारी की गई है। साथ ही साथ जिन लोगों ने बिजली के करेंट से अपना कुछ ना कुछ नुकसान कर अपंग हो चुके हैं और कोई काम के लायक नहीं हैं। ऐसे लोगों की भी पहली सूची की जा रही है। जल्द ही अन्य पीड़ितों की सूची भी तैयार कर मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक की जाएगी।
बिजली विभाग की लापरवाही से लाॅकडाउन के दौरान हुए मृतकों की सूची
23 अप्रैल जरीडीह बाजार में झारखण्ड विद्युत बोर्ड की 11 हजार आपूर्ति लाईन में करंट लगने से सुनील ठाकुर की मौत हो गई। 31 मई लापुंग के रहने वाले 55 वर्षीय बांडा लोहरा नंगा तार की चपेट में आने से मौत हो गई।अपने पिता को बचाने गये 22 वर्षीय बेट पाॅल लोहरा की भी मौत हो गई। लापुंग में ही एक और व्यक्ति कानून कुमार साहू की मौत खेत में हो गई।
पांच मई को राहुल कुमार महतो की मृत्यु बिजली के करंट से बोकारो में हो गई। 11 मई शतबरवा थाना क्षेत्र के लहलहे पंचायत के भोगू गांव के युवक दीपक पासवान की मौत 11 हजार वोल्ट के करंट प्रवाहित तार के चपेट में आने से हो गई। 27 मई को सोनी कुमारी दुग्दा, चनुवाडीह बोकारो की रहनेवाली की मृत्यु बिजली के करंट से हो गई। 19 मई को गोविन्दपुर प्रखण्ड के जयनगर गांव के अमन महतो को बिजली के करंट लगने से मृत्यु हो गयी थी। दो जून को डोरंडा झंडा चौक के आगे पाल महल्ला में 15 वर्षीय गिरीश गुप्ता गोलू की मौत 11,000केबी के तार के चपेट में आने से मौत हो गई। 16 जून को राजधानी के एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के टोनकी टोली में करंट लगने से मां महेश्वरी देवी और उसकी नौ साल की बेटी संगीता की मौत हो गई। 16 जून को उसकी नौ साल की बेटी संगीता की मौत हो गई। उसी दिन पलामू में मेदनीनगर स्थित सिंचाई विभाग की काॅलोनी में एक आठ वर्षीय बच्चे की मौत करंट से हो गई। 17 जून को रेहला थाना के तोलटा पंचायत अंतर्गत जिंजरा गांव के 45 वर्षीय विजय मिश्रा की मौत सुबह 11.00 बजे विद्युत तार की चपेट में आने से मौत हो गई। उसी दिन तरहसी थाना क्षेत्र के गुरतरी गांव निवासी कमलेश शर्मा की मौत बिजली से हो गई।
24 जुलाई को कर्रा थाना क्षेत्र के चलडान्दू गांव के सुरेश नाम व्यक्ति की मौत बिजली के तार की चपेट में आने से हो गई। घटना के 15 दिन पूर्व उसके बच्चे का जन्म हुआ था।
16 जुलाई को नवाडीह प्रखण्ड बोकारो के रहने वाले मुमताज अंसारी की मौत बिजली के तार से हो गई। 24 जुलाई को चतरा जिला के राजपुर थाना क्षेत्र के पुरानी हेसाग निवासी जीवलाल यादव उर्फ भोला की मौत बिजली की चपेट में आने से हो गई। 21 जुलाई को गढ़वा थाना के जोवरईया गांव में काम कर रहे एक साथ तीन मजदूरों की मौत बिजली के करंट से हो गई। साथ तीन मजदूरों की मौत बिजली के करंट से हो गई। दो जुलाई को चान्हो प्रखण्ड के लुंगरी निवासी 25 वर्षीय मनोज उराँव की मौत पूर्वाह्न 9.30 बजे बिजली के तार की चपेट में आने से मौत हो गई। तीन जुलाई को पेटरवार प्रखण्ड अंतर्गत उलगड्ढा पंचायत के ठाकुर टोला निवासी 26 वर्षीय नरेश महतो की मौत बिजली तार के चपेट में आने से बुधवार को पूर्वाहन 11.00 बजे मौत हो गई।
31 जुलाई को साहेबगंज जिला के कटघर गांव मंडई पावर हाउस में करंट की चपेट में आने से बिजली विभाग में कार्यरत 40 वर्षीय दैनिक मजदूर की मौत हो गई। राजमहल थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। पांच अगस्त को धनबाद जिले के बाघमारा प्रखंड में विद्युत विभाग की लापरवाही से सुनील कुमार नामक युवक की मौत हो गई। उसी दिन सिमडेगा जिला में केवल कंपनियों द्वारा गड्ढा खोदे जाने की वजह से एक बच्चे को जिंदा दफन कर दिया गया। सात अगस्त को सीसीएल कथारा के तीन नंबर माइंस के समीप झिरकी यादव टोला के 80 वर्षीय बुजुर्ग काशी गोप की मौत बिजली पोल के टूटे हुए तार की चपेट में आने से हो गई।