देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने वीडियो जारी कर कहा कि देश के आर्थिक हालात 40 वर्षों में पहली बार भारी मंदी में हैं। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार असंगठित अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर लोगों को गुलाम बनाने की साजिश रच रही है। ऐसे में असंगठित क्षेत्र पर हो रहे हमले के खिलाफ देश को संगठित होकर लड़ना होगा।

‘अर्थव्यवस्था की बात’ शीर्षक से जारी वीडियो में राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि वर्ष 2008 में जबरदस्त आर्थिक तूफान आया, जिसका असर पूरी दुनिया पर हुआ। अमेरिका, जापान, चीन आदि में कंपनियां घाटे की वजह से बंद हो रही थीं। यूरोप के बैंक गिरते जा रहे थे लेकिन उस वक्त हिंदुस्तान पर कुछ असर नहीं हुआ था। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसका जवाब दिया था।

राहुल ने बताया कि मनमोहन सिंह ने उनसे कहा था कि “अगर देश की अर्थव्यवस्था को समझना है तो यह जानना होगा कि हिंदुस्तान में दो अर्थव्यवस्था है। पहली असंगठित अर्थव्यवस्था और दूसरी संगठित अर्थव्यवस्था। संगठित में बड़ी-बड़ी कंपनियों के नाम आते हैं। जबकि असंगठित व्यवस्था में किसान, मजदूर, छोटे दुकानदार, मध्यम स्तर की कंपनियां शामिल हैं। जब तक देश का असंगठित सिस्टम मजबूत है तब तक हिंदुस्तान को कोई भी आर्थिक तूफान छू नहीं सकता।”

अपने इस वीडियो श्रृंखला में राहुल ने असंगठित क्षेत्र पर हो रहे लगातार हमलों के लिए भी भाजपा सरकार को दोषी बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले छह सालों में नोटबंदी, जीएसटी और लॉकडाउन के जरिए गरीब, मध्यम वर्गीय परिवार की जीवन को पूरी तरह बदल दिया है। सरकार की इन तीन योजनाओं ने अनौपचारिक क्षेत्र को पूरी बर्बात कर दिया है। उन्होंने देशवासियों का आह्वान करते हुए कहा कि असंगठित क्षेत्र पर हमला कर लोगों को गुलाम बनाने की कोशिश हो रही है। इसीलिए जरूरी है कि देश असंगठित क्षेत्र पर हो रहे आक्रमण को पहचाने और संगठित हो इसके खिलाफ लड़ाई लड़े।

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