रांची।
झारखंड कांग्रेस ने बिजली और मोबाइल केबल कंपनियों की लापरवाही से राज्य में फिर दो लोगों की जान चली जाने पर दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि निरंतर हो रही ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे और राजेश गुप्ता ने गुरुवार को कहा कि सिमडेगा जिले में केबल कंपनियों द्वारा जिस तरह से गड्ढा खोद दिया गया और उस गड्ढे में गिरने से एक बच्चा अंदर फंस गया। इस दौरान केवल कंपनियों के कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से बच्चे का जिंदा दफन हो जाना आधुनिक युग की सबसे बड़ी त्रासदी है। उन्होंने कहा कि बच्चे को जिंदा दफन करने वाले जेसीबी चालक और एक कर्मचारी को गिरफ्तार जरूर कर लिया गया है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवजा मिले और दोषियों को सजा दिलाने के लिए स्पीडी ट्रायल के माध्यम से सुनवाई हो। प्रवक्ताओं ने कहा कि धनबाद जिले के बाघमारा में भी कल विद्युत विभाग की लापरवाही की वजह से एक व्यक्ति सुनील कुमार की जान चली गई। उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले दो-तीन महीनों के दौरान दर्जनों लोगों की मौत विद्युत विभाग की लापरवाही की वजह से हो गई है और यदि इस दौरान के सभी आंकड़ों पर गौर किया जाए तो यह कहा जा सकता है कि लॉकडाउन के दौरान जितनी मौत कोरोना संक्रमण से हुई। उससे कहीं ज्यादा मौत विद्युत विभाग की लापरवाही की वजह से करंट लगने से हुई है। पार्टी की ओर से लॉक डाउन के चार महीने के दौरान बिजली विभाग की लापरवाही से हुई मौत एवं दुर्घटना की चपेट में अपंग हुए लोगों की सूची बहुत जल्द लगभग तीन-चार दिनों के अंदर जारी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग और केबल कंपनियों की लापरवाही की वजह से हो रही मौत के खिलाफ पार्टी चरणबद्ध तरीके से आंदोलन चला रही है और जब तक सभी पीड़ित परिवारों को मुआवजा नहीं मिल जाता है, आंदोलन का सिलसिला जारी रहेगा।

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