केरल के कोझिकोड विमान हादसे पर सूत्रों से बड़ा खबर सामने आ रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिस रनवे नंबर 10 पर हादसा हुआ है उसके बारे में 9 साल पहले ही बता दिया गया था कि वो रनवे सुरक्षित नहीं है। बावजूद इसके एयरपोर्ट प्रशासन यहां पर विमानों को उतारने का रिस्क ले रहा था।
पिछले साल भी डीजीसीए ने कोझीकोड एयरपोर्ट प्रशासन को खासतौर पर नोटिस जारी किया था और बोइंग 373 जैसे बड़े विमानों को ना उतारने की सलाह दी थी। साथ ही नियमित रूप से रनवे पर लेंडिंग और टेक ऑफ सुरक्षा से जुड़े मरम्मत कार्यों पर ध्यान देने हुए कई निर्देश जारी किए थे।
अबतक 19 की मौत
केरल के कोझिकोड में कल शाम को हुए विमान हादसे में मरने वालों का आंकड़ा 19 पहुंच गया है जबकि 23 यात्रियों की हालत गंभीर बताई जा रही है। कोझीकोड के 13 अलग-अलग अस्पतालों में 123 लोगों का इलाज चल रहा है। इनमें से इलाज करा रही एक गर्भवती महिला और 4 बच्चों सहित कुल 23 लोगों की हालत बेहद ही नाजुक बनी हुई है। हादसे की जांच के लिए फ्लाइट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन की एक टीम कोझीकोड पहुंच चुकी है और दूसरी टीम दोपहर 2 बजे तक पहुंच जाएगी जोकि विमान हादसे के कारणों की तफ्तीश करेगी। वहीं केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन पहले ही दुर्घटना स्थल पहुंच चुके हैं और वे अधिकारियों के साथ कल के हादसे को लेकर चर्चा कर रहे हैं।
कोझिकोड एयरपोर्ट क्यों खतरनाक ?
टेबलटॉप लोकेशन पर रनवे है
ऐसा एयरपोर्ट जो पहाड़ी इलाके में बना है
रनवे का एक सिरा या फिर दोनों सिरों के बाद ढलान है
रनवे सेफ्टी एरिया और साइड पट्टियां छोटी हैं
ऐसे एयरपोर्ट पर खराब मौसम के दौरान हादसे का खतरा बना रहता है
2011 के एक रिपोर्ट के मुताबिक बड़े विमानों के लिए हवाई क्षेत्र अपर्याप्त
2019 में DGCA ने हवाई पट्टी पर रबर डिपॉजिट को लेकर चिंता जताई थी
पायलट ने बचाई जान
विमान हादसे में जान गंवाने वाले विमान के कप्तान दीपक वसंत साठे एयर फोर्स के टेस्ट पायलट रह चुके थे। एयर फोर्स के टेस्ट पायलट बहुत सारे एयरक्राफ्ट पर टेस्ट करते हैं। दीपक साठे ने हादसे में अपनी जान तो गंवा दी, लेकिन उन्होंने 170 यात्रियों की जान बचाई।
पायलट दीपक साठे स्वार्ड ऑफ ओनर से सम्मानित
एयरफोर्स में काम करके एयर इंडिया में शामिल
एयरफोर्स एकेडमी से पासआउट
दीपक साठे के पिता सेना में थे
भाई करगिल में शहीद हुए थे