नयी दिल्ली। अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधारशिला रखी। कोरोना संकट के बावजूद राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन को लेकर एक दिन पहले से ही पूरे देश में उत्सव का माहौल बन गया था। इस कार्यक्रम पर भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया की नजर बनी रही। दुनिया भर के मीडिया संस्थानों ने इस कार्यक्रम को प्रमुखता से प्रकाशित किया।
बीबीसी : सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया था मंदिर का रास्ता
बीबीसी ने राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद का उल्लेख करते हुए इस कार्यक्रम को कवर किया। बीबीसी ने लिखा, पीएम मोदी ने मंदिर का भूमि पूजन किया। साल 1992 तक यहां विवादित ढांचा था, जिसे भीड़ ने गिरा दिया था। दोनों समुदाय इस स्थान पर अपना-अपना दावा जताते रहे थे। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने यहां मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला दिया था। मुसलमानों को मस्जिद के लिए अलग स्थान दिया गया था।
सीएनएन : कोरोना संकट के बीच हुआ मंदिर का भूमि पूजन
अमेरिका के प्रमुख मीडिया संगठन सीएनएन ने लिखा कि मोदी ने हिंदुओं के सर्वाधिक पवित्र स्थल पर राम मंदिर का भूमि पूजन किया। सीएनएन ने भी यहां के विवाद का जिक्र किया और लिखा कि यह स्थान कई सालों से हिंदू और मुसलमानों के बीच के विवाद का मूल रहा है। सीएनएन ने भारत में कोरोना की स्थिति का भी जिक्र करते हुए लिखा कि यह कार्यक्रम ऐसे समय पर हुआ, जब भारत में लगातार पांच दिनों से 50 हजार से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। सीएनएन ने गृह मंत्री अमित शाह और अयोध्या मंदिर के पुजारी के कोरोना से संक्रमित होने की बात भी लिखी।
द गार्जियन : अयोध्या में तीन महीने पहले ही आ गयी दीवाली
ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने लिखा कि अयोध्या में तीन महीने पहले ही दीवाली आ गयी है। यहां राम मंदिर की आधारशिला रखी जा रही है, जो कई सालों से भारत के इतिहास का सबसे भावनात्मक और विभाजनकारी मुद्दा रहा है। गार्जियन ने लिखा कि बहुत से हिंदुओं के लिए राम मंदिर बनना गर्व का क्षण है, लेकिन भारत के मुसलमानों में दो प्रकार की भावनाएं हैं। उनको यहां करीब चार सौ साल से खड़ी मस्जिद जाने का दुख है, तो मंदिर निर्माण पर उन्होंने अपनी मूक सहमति भी दे दी है।
अल जजीरा : भारत की सेक्यूलर विचारधारा से समझौता
कतर के प्रमुख मीडिया संस्थान अल जजीरा ने इस कार्यक्रम को भारत की सेक्यूलर विचारधारा से समझौता करार दिया। उसने लिखा, भारत में सत्ताधारी हिंदू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी ने 1980 के दशक से मंदिर आंदोलन छेड़ रखा था। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने भी हिंदुओं के हक में फैसला सुनाया और मस्जिद की जगह उन्हें दे दी। अल जजीरा ने लिखा कि यह विडंबना है कि ढांचा विध्वंस मामले की कानूनी सुनवाई पूरी नहीं हुई है और मंदिर की नींव रख दी गयी।
भारतीय-अमेरिकियों ने राम मंदिर की नींव रखे जाने पर मनाया जश्न
वाशिंगटन। अयोध्या में ऐतिहासिक राम मंदिर की नींव रखे जाने का अमेरिका में भारतीय-अमेरिकियों ने दीप जलाकर जश्न मनाया। कैपिटल हिल में राम मंदिर की तस्वीरों की एक झांकी भी निकाली गयी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में बुधवार को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया और मंदिर की आधारशिला रखी। भारत की सर्वोच्च अदालत ने पिछले साल दशकों पुराने मुद्दे का समाधान करते हुए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था। अमेरिका में हिंदू समुदाय के विभिन्न समूहों ने समारोह की महत्ता को इंगित करते हुए कई आॅनलाइन कार्यक्रमों का आयोजन किया। वाशिंगटन में विश्व हिंदू परिषद, अमेरिका के सदस्यों ने मंगलवार को एक ट्रक पर झांकी निकाली, जिसमें राम मंदिर की एक डिजिटल तस्वीर थी। इस ट्रक ने कैपिटल हिल में जय श्रीराम के नारों के बीच शहर के चक्कर लगाये। अमेरिका के बाकी हिस्सों में हिंदू समुदाय के लोगों ने घरों में दीप जलाये। कैलिफोर्निया में रहने वाले समुदाय के नेता अजय जैन भुटोरिया ने कहा, सभी भारतीयों, खासकर हिंदू, जैन और भगवान राम की पूजा करने वाले सभी लोगों को अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखे जाने के ऐतिहासिक दिन की बधाई। कोरोना वायरस की वजह से सार्वजनिक रूप से इसका जश्न कम ही मनाया गया। लेकिन इस दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में कई आॅनलाइन समारोह आयोजित किये गये। समुदाय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, लोग अपने घरों में पूजा कर, दीप जला कर जश्न मना रहे हैं। कई लोगों के लिए यह दिवाली की तरह होगा। भारतीयों के बीच काफी उत्साह है। इस बीच, कनाडा में ब्रैंपटन शहर के मेयर पैट्रीक ब्राउन ने इस मौके पर हिंदू समुदाय को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पवित्र स्थल पर मंदिर के निर्माण के लिए बधाई। इसे मुमकिन बनाने के लिए किये गये प्रयासों की खातिर श्रीश्री रवि शंकर को बधाई। इस मौके पर देशभर में मंदिरों में विशेष प्रार्थना किये जाने की घोषणा की गयी।