भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी ने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ जैसी सामूहिक कार्रवाई की थी, वैसी ही कार्रवाई उसे पाकिस्तान में पनाह लिए माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम, उसके गुर्गों, आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ करनी चाहिए।

सुरक्षा परिषद में शुक्रवार को आतंकवाद और संगठित अपराध पर हुई खुली चर्चा में भाग लेते हुए भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि जो देश अपनी सरजमीं से आतंकवाद का समर्थन करते हैं या उसे बढ़ावा देते हैं उन्हें उनकी हरकतों के लिए जवाबदेह ठहराना चाहिए। सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों में भी कहा गया है कि संबंधित देश को आतंकवादी गतिविधियों और आतंकवादियों को धन मुहैया कराने के संबंध में रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए।

भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि आतंकवादियों को धन मुहैया कराए जाने से रोकने के लिए बने कार्यबल (एफएटीएफ) की सिफारिशों को कारगर ढंग से लागू करने के लिए कदम उठाने चाहिए। अनेक देशों में कारगर प्रशासन और पर्याप्त निगरानी के अभाव में ऐसा करना संभव नहीं हो पा रहा है। आवश्यक है कि उनकी प्रशासनिक और निगरानी क्षमता को बढ़ाया जाए। भारत ने आतंकवादियों को धन मुहैया कराए जाने और धन शोधन को रोकने के लिए बनाई गई एफएटीएफ जैसी संस्थाओं को और मजबूत बनाने की जरूरत है।भारतीय ने यह भी कहा कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी में तेज गति से हुए बदलाव के मद्देनजर यह आवश्यक है कि आतंकवादियों, आतंकी संगठनों और संगठित आपराधिक गिरोहों के बीच सांठ-गांठ और लेन-देन पर कड़ी नजर रखी जाए।

भारत ने कहा कि उसने आतंकवादी संगठनों और अंतराष्ट्रीय आपराधिक गिरोहों के बीच क्रूर सांठगांठ का प्रत्यक्ष रूप से अनुभव किया है। भारतीय प्रतिनिधि ने दाऊद इब्राहिम गिरोह का उल्लेख करते हुए कहा कि उसने सोने की तस्करी और नकली नोटों के धंधे के जरिए आतंकवादी गुटों को धन मुहैया कराया। इन गुटों ने वर्ष 1993 में मुंबई में सिलसिले वार बंम धमाके किए जिसमें 250 से अधिक निर्दोष लोगों को जान गंवानी पड़ी। इससे करोड़ों मूल्य की संपत्ती भी नष्ट हुई। भारतीय प्रतिनिधि ने इन बम धमाकों के लिए जिम्मेदार लोगों को पड़ोसी देश में पनाह और संरक्षण दिए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह देश हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी, आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों का अड्डा बना हुआ है। इन आतंकवादी और आतंकवादी संगठनों को संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंधित किया जा चुका है।

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