पंजाब पुलिस ने तरनतारन जिले में दो तस्करों समेत पाक सरहद पर तैनात एक बीएसएफ के सिपाही को गिरफ्तार करके पाक समर्थित नशों और हथियारों की तस्करी के एक रैकेट का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मस्कट, ओमान से फरार हुए सरगना सतनाम सिंह उर्फ सत्ता के प्रत्यारोपण की कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने रविवार को बताया कि सत्ता ने गुरमीत सिंह के नाम पर जारी किये गए जाली पासपोर्ट और आधार कार्ड का प्रयोग किया था। उन्होंने कहा कि सत्ता की अनुचित साधनों से अर्जित जायदाद, जिसको उसने संधू कॉलोनी अमृतसर में अपने परिवार की रिश्तेदार मनिन्दर कौर के नाम पर नशों के पैसों से खरीदी थी, को फ्रीज कर दिया गया है।
डीजीपी ने बताया कि दोषियों की पहचान सुरमेल सिंह, गुरजंट सिंह और राजस्थान के गंगा नगर जिले में रावला मंडी के निवासी बीएसएफ सिपाही राजिन्दर प्रसाद के तौर पर हुई है। गुप्ता ने बताया कि जालंधर ग्रामीण पुलिस ने 26 जुलाई को सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए दो तस्करों को गिरफ्तार किया था जो दिल्ली से वरना कार में आ रहे थे। तलाशी के दौरान पुलिस ने उनकी कार में से 25 ग्राम हेरोइन बरामद की। पूछताछ करने पर दोनों ने अपनी पहचान सुरमेल सिंह और गुरजंट सिंह के तौर पर बताई। पूछताछ के बाद पुलिस ने सुरमेल के पास से .30 बोर पिस्तौल समेत 5 जिंदा कारतूस और 35 ग्राम हेरोइन बरामद की। जांच के दौरान दोनों मुलजिमों ने यह भी खुलासा किया कि वह तरन तारन जिले के गाँव नारली के रहने वाले सरहद पार के तस्कर सतनाम सिंह उर्फ सत्ता के साथ काम करते थे, जो कि हेरोइन और हथियारों की तस्करी के लिए पाक आधारित तस्करों के साथ नज़दीकी रूप से जुड़ा हुआ था। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि बीएसएफ का सिपाही राजेंद्र प्रसाद भी तस्करी रैकेट का हिस्सा था।
बीएसएफ कांस्टेबल तरन तारन जिले के गाँव छीना में एक सरहदी चौकी में तैनात था। डीजीपी ने कहा कि उन्होंने बीएसएफ और राजस्थान में अपने हमरुतबा, डीजीपी बीएसएफ और डीजीपी राजस्थान के साथ संपर्क किया और उक्त बीएसएफ सिपाही की गिरफ्तारी को यकीनी बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का सहयोग भी लिया, जिसको 28 जुलाई को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जोकि रावला मंडी स्थित अपने आवास पर अपनी छुट्टी काट कर रहा था। और पूछताछ के दौरान, राजेन्द्र ने बताया कि उसको सतनाम सिंह उर्फ सत्ता द्वारा नशा तस्करी के रैकेट में भर्ती किया गया था, जिसने अपने बॉर्डर पोस्ट के द्वारा हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी में मदद के बदले उसको पैसे देने का वादा किया था। डीजीपी ने बताया कि आरोपियों से रिमांड के दौरान पूछताछ की जा रही है।