कोरोना महामारी में जब हर तरफ लॉकडाउन था, तब वॉरियर की तरह आशा वर्कर गांव और शहर में कोरोना संक्रमितों की मदद करने में लगी थी। अब करीब 6 लाख आशा वर्कर अपनी मांगों को लेकर दो दिवसीय हड़ताल पर हैं। ऐसे में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि वो गूंगी तो थी ही अब अंधी और बहरी है, इसे लोगों की समस्याएं दिखती ही नहीं।
राहुल गांधी ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, “आशा कार्यकर्ता देशभर में घर-घर तक स्वास्थ्य सुरक्षा पहुँचाती हैं। वो सच मायने में स्वास्थ्य वॉरीयर्स हैं लेकिन आज ख़ुद अपने हक़ के लिए हड़ताल करने पर मजबूर हैं। सरकार गूँगी तो थी ही, अब शायद अंधी-बहरी भी है।”
दरअसल, हड़ताल कर रहे आशा कर्मियों की मांग है कि उन्हें बेहतर और समय पर वेतन मिले, और एक कानूनी स्थिति जो न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करे, ताकि जिस तरह वो देश के पिछड़े और पहुंच से दूर इलाकों में जाकर अधिकारियों की मदद कर रही हैं वो जारी रख सके।
वहीं, आशा कर्मियों की इस हड़ताल को 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का भी साथ मिल रहा है। इस दौरान इंटक, एआईटीयूसी, सीटू, जैसी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों से जुड़े आंगनवाड़ी, आशा, मध्याह्न भोजन योजना से जुड़े संगठन हड़ताल में शामिल हैं।
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