श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन का समारोह ऐतिहासिक है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ केे प्रमुख मोहन भागवत भी सम्मिलित हो रहे हैं। रामलला दरबार को थाइलैंड के मनमोहक फूल, कहीं गेंदे के पीले फूलों की लड़ी तो कहीं रंग-बिरंगे फूल अपनी महक से सम्मोहित कर रहे हैं। गलियों में हलवाईयों की दुकानों से उठ रहे मोतीचूर और बेसन के लड्डू की महक मदहोश कर रही है। पूरी राम नगरी श्रद्धा और उल्लास के माहौल में है। नगर में कहीं रामचरित मानस का अखंड पाठ हो रहा है तो कहीं ढोलक खंजरी पर सोहर गूंज रही है। गलियों से महिलाओं के खिलखिलाने की आवाजें आ रही हैै।वहीं मंदिरों से साधुओं का रामनाम जाप हो रहा है। कोई कलश सजाने में मग्न है तो कोई दरवाजे पर रामनाम की पट्टिका टांग रहा है। हर ओर राम का नाम गूंज रहा है। सभी को भूमि पूजन का इंतजार है। जयश्रीराम का उद्घोष,राममंदिर के भूमि पूजन समारोह से अंजान छोटे बच्चे पिपहरी बजा रहे हैं। बीच-बीच में अचानक जयश्रीराम के नारे से पूरा वातावरण गूंज उठता है।

जयश्रीराम के उद्घोष के वक्त लोगों के कदम जहां के तहां ठहर जाते हैं। सभी श्रद्धा से नतमस्तष्क हो उठते हैं। छतों की मुंडेर पर अन्य दिनों की अपेक्षाकृत कुछ ज्यादा भीड़ है। राम नाम शोर उठते ही सुरक्षा में तैनात जवान चौकन्ने हो उठते हैं। हर कोने पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है। सुरक्षाकर्मी हर आने-जाने वालों को कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पाठ पढ़ा रहे हैं। रामलला परिसर के साथ ही अयोध्या के सैकड़ों मंदिर भी दमक रहे हैं। घर-मंदिर पर तो बिजली की सजावट है ही। सरकारी इमारतें भी सजी हैं। सरयू का किनारा भक्तों की आस्था से सराबोर है। एक आंकलन के अनुसार तमाम मनाही के बावजूद एक लाख बाहरी लोग भी इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने के लिए अयोध्या पहुंचे हुए हैं। उनके लिए यह एक उत्सव है। शहर, घाट और घर-मंदिर को दीयों से रोशन करने की तैयारी हैं। राम नगरी के मंदिरों में नाटकों की घंटियों और घुंघरू की आवाज गूंजती रही। 5100 कलश तैयार,भूमि पूजन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए 5100 कलश लगाए गए हैं।
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