कांग्रेस के भीतर कुछ दिनों से भयंकर लड़ाई चल रही है, अब गांधी परिवार और वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी कार्यसमिति की बैठक में भी दिखाई दे रही है। राहुल गांधी ने पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को लिखने वाले वरिष्ठ नेताओं को निशाना बनाया। राहुल ने आरोप लगाया कि यह सब भाजपा के इशारे पर हुआ है। गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की।
दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद को मनाने के लिए सोनिया गांधी को खुद आगे आना होगा। खबर है कि सोनिया गांधी ने आजाद से फोन पर काफी देर तक बात की। इज़हार राहुल ग़ुलाम नबी आज़ाद की शिकायतों को दूर करने में भी लगे हुए हैं। खबरों के मुताबिक, आजाद को मनाने के लिए राहुल ने फोन पर भी संक्षिप्त बात की।
सोनिया गांधी ने सोमवार शाम गुलाम नबी आजाद से बात की, लेकिन यह पता नहीं चला कि दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई थी। गांधी परिवार किसी भी कीमत पर पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को नाराज नहीं करना चाहता। गुलाम नबी आज़ाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता होने के साथ-साथ संसद में कांग्रेस की बुलंद आवाज़ हैं। संसद का मानसून सत्र एक महीने के भीतर शुरू होगा। ऐसे में कांग्रेस नहीं चाहती कि संसद में पार्टी की एकजुटता टूटे या उनकी आवाज कमजोर पड़े।
आपको बता दें कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से एक दिन पहले, रविवार को पार्टी में एक राजनीतिक तूफान आ गया, जब मैंने सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर एक पूर्णकालिक और जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन को ऊपर से बदलने की मांग की तल। मामला सामने आया। इस पत्र में 23 वरिष्ठ नेताओं के हस्ताक्षर थे।
23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखे। इनमें गुलाम नबी आजाद, राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पृथ्वीराज चव्हाण, राजिंदर कौर भट्टल, पूर्व मंत्री मुकुल वासनिक, कपिल सिब्बल, एम वीरप्पा मोइली, शशि थरूर, सांसद मनीष तिवारी, पूर्व सांसद शामिल हैं। मिलिंद देवड़ा, जितिन प्रसाद, संदीप दीक्षित और कई अन्य नेताओं के नाम शामिल हैं।
इस पर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर कटाक्ष करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि यह सब भाजपा की साठ-गांठ है। राहुल ने कहा कि जब पार्टी राजस्थान और मध्य प्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रही थी और सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं, उस समय ऐसा पत्र क्यों लिखा गया था?
इस बयान पर कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने नाराजगी जताई। कहा कि अगर यह आरोप साबित हो जाता है कि बीजेपी से साठ-गांठ है, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। उधर, कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर अपना गुस्सा जाहिर किया। कहा कि राहुल गांधी कहते हैं कि बीजेपी के साथ हमारे साठ संबंध हैं। पिछले 30 सालों में बीजेपी के पक्ष में एक भी बयान नहीं दिया गया है। फिर भी, हम भाजपा से साठ गांठ के आरोपों का सामना कर रहे हैं। इस विवाद के बाद, कांग्रेस चाहती है कि इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाया जाए और मतभेदों को हल करके अन्य मुद्दों पर ध्यान दिया जाए।