कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक जज से तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कांग्रेस के एक राज्यसभा सांसद की मुलाकात को लेकर शुभेंदु अधिकारी ने एक बार फिर सवाल खड़ा किया है। मंगलवार को उन्होंने ट्वीट कर इसका जिक्र करते हुए कहा है कि इस मुलाकात पर खामोशी पसरी हुई है जो चिंता का सबब है। यह लोकतंत्र और कानून व्यवस्था के लिए अशुभ संकेत है तथा इसकी गहन जांच की जानी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही पश्चिम बंगाल राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस के वकील और राज्यसभा सांसद के हाईकोर्ट के जज से मुलाकात पर सवाल खड़ा किया था। शुभेंदु अधिकारी और भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने भी इस मामले में ममता बनर्जी से स्पष्टीकरण की मांग की थी। इसके पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी से मुलाकात को लेकर तृणमूल ने काफी दवाब बनाया था, हालांकि सॉलिसिटर जनरल ने आरोप से इनकार किया था।

एक दिन पहले अधिकारी ने ट्वीट किया था कि रिपोर्टों से चिंतित हैं कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश ने दिल्ली के दौरे पर हाईकोर्ट के समक्ष लंबित बड़े घोटाले के मुख्य आरोपित के वरिष्ठ अधिवक्ता से मुलाकात की। इस पर तत्काल स्पष्टीकरण की जरूरत है। यदि लोकतंत्र को जीवित रखना है तो न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए।

हालांकि भाजपा नेताओं ने वकील का नाम का उल्लेख नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के राज्यसभा के सांसद और वरिष्ठ वकील की ओर हैं, जो तृणमूल के समर्थन से राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए हैं तथा कई मामलों में वह तृणमूल की ओर से अदालत में पैरवी करते हैं।

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