केरल (Kerala) में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकरा ने मॉल्स में दुकानों को खोलने की इजाजत दे दी है. आज यानी बुधवार से केरम के मॉल्स में दुकाने खोली जाएगीं हालांकि इस दौरान कोरोना गाइलाइंस का सख्ती से पालन करना होगा.
एक सरकारी आदेश के अनुसार, मॉल के एंट्री पॉइंट पर तैनात अधिकारियों को सभी कोविड -19-संबंधित मानदंडों का पालन सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी, जिसमें मास्क पहनना, हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग और सामाजिक दूरी और तापमान जांच का ध्यान रखना शामिल है.
दुकानों को हफ्ते में 6 दिन खोलने की इजाजत
राज्य सरकार की तरफ से पिछले बुधवार को जारी किए गए नए दिशानिर्देशों के अनुसार, केरल में दुकानें, बाजार, बैंक, कार्यालय, कारखाने, पर्यटन स्थल और अन्य, वित्तीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक प्रतिष्ठान सोमवार से शनिवार तक सप्ताह में छह दिन कार्य कर सकते हैं.
स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया था कि ”वीकेंड लॉकडाउन केवल रविवार को लगाया जाएगा. दुकान का समय छह दिनों के लिए सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक होगा. शादियों और अंतिम संस्कार में अधिकतम 20 व्यक्तियों को अनुमति दी जाएगी.”
वहीं केरल के आठ जिलों का दौरा कर चुकी छह सदस्यीय एक केंद्रीय टीम ने कहा है कि एक अगस्त से 20 अगस्त तक राज्य में कोविड-19 के करीब 4.6 लाख मामले सामने आ सकते हैं. केंद्रीय टीम का नेतृत्व करने वाले राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ सुजीत सिंह ने मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ओणम का त्योहार (20 अगस्त) नजदीक आने के साथ अनलॉक (पाबंदियां हटाने की) गतिविधियों और पर्यटन स्थलों को खोलने से चुनौतिपूर्ण परिदृश्य उत्पन्न हो गया है और यह चिंता का विषय है.
केंद्र ने मंगलवार को कहा कि देश में पिछले सात दिनों में सामने आए कोविड-19 के आधे से अधिक मामले केरल से हैं. सिंह ने कहा कि इस दक्षिणी राज्य में टीके की दोनों खुराक के बाद भी अधिक संख्या में पुनर्संक्रमण के मामले हैं और इस विषय की जांच की जा रही है.उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर, पथनमथिट्टा जिले में प्रथम खुराक लेने के बाद 14,974 लोग वायरस से संक्रमित हुए थे जबकि दोनों खुराक लेने के बाद 5,042 लोग संक्रमित हुए (जिले द्वारा साझा की गई सूचना के मुताबिक). टीम द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक सभी आठ जिलों में कोविड-19 पॉजिटिविटी (संक्रमण पुष्टि) दर 10 प्रतिशत से अधिक पाई गई और कुछ स्थानों पर यह बढ़ती हुई पाई गई. 80 प्रतिशत से अधिक मामले डेल्टा स्वरूप के हैं.