इंफोसिस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सलिल पारेख वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलने वित्त मंत्रालय पहुंच गए हैं। उन्हें यह समझाने के लिए बुलाया गया है कि नया ई-फाइलिंग पोर्टल शुरू होने के 2.5 महीने बाद भी पोर्टल में गड़बड़ियों का समाधान क्यों नहीं किया गया है।
आयकर विभाग ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि वित्त मंत्रालय ने सलिल पारेख को 23 अगस्त को स्पष्टीकरण देने के लिए बुलाया है। करदाताओं की आसानी के लिए वित्त मंत्रालय ने सात जून को काफी जोरशोर से आयकर विभाग का नया पोर्टल जारी किया था। लेकिन लॉन्च के तुरंत बाद वेबसाइट में तकनीकी समस्या देखने को मिली, जिसकी वजह से करदाता परेशान हैं। हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अगले कुछ दिनों में नए आयकर पोर्टल में तकनीकी खामियां काफी हद तक ठीक हो जाएंगी। नई वेबसाइट इंफोसिस ने ही तैयार की है।
वेबसाइट के लिए इंफोसिस को मिले 4242 करोड़
इंफोसिस को 2019 में आयकर विभाग की नई वेबसाइट तैयार करने का कॉन्ट्रैक्ट 4242 करोड़ रुपये में मिला था। इससे पहले 2015 में जीएसटी पोर्टल बनाने का ठेका भी इंफोसिस को 1380 करोड़ रुपये में दिया गया था। 2017 में पोर्टल शुरू होने के बाद कई तकनीकी समस्या आई और इसके बाद सरकार ने कंपनी को इसे दूर करने का निर्देश दिया था।
ये है नई वेबसाइट का उद्देश्य
आयकर विभाग ने https://www.incometax.gov.in नाम से करदाताओं के लिए नई वेब साइट पेश की है। इसके पीछे उद्देश्य रिटर्न के जांच के समय को 63 दिन से घटाकर एक दिन करना और रिफंड की प्रक्रिया को तेज करना था। बिना किसी समस्या के आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए लॉन्च हुई नई वेबसाइट में दिक्कतें आने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उपभोक्ताओं की ओर से मोर्चा संभाला। आयकर विभाग ने उपभोक्ताओं को जल्द समाधान का भरोसा दिलाया।