आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। सामाजिक न्याय की मांग के साथ आजसू पार्टी के नेता और कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर पिछड़ों को गोलबंद कर रहे हैं। आजसू पार्टी के पंचायत और प्रखंड स्तर के पदाधिकारी और कार्यकर्ता हर दिन अलग-अलग गांव जाकर स्मरण पत्र पर हस्ताक्षर ले रहे हैं। यह कार्यक्रम सात दिनों तक जारी रहेगा। पार्टी के केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत ने बताया कि सामाजिक न्याय मार्च के चौथे दिन 1040 गांवों में आजसू पार्टी पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि आजसू पार्टी का यह मानना है कि झारखंड में पिछड़ों को राष्ट्रीय मानक के आधार पर आरक्षण मिलना संवैधानिक अधिकार से जुड़ा मामला है। आरक्षण सिर्फ आर्थिक नहीं, प्रतिनिधित्व और भागीदारी का भी सवाल है। पिछड़ों के आरक्षण को लेकर वर्तमान सरकार ने अपने मेनिफेस्टो और चुनावी नारों में कई वादे किये थे। इस विषय पर झारखंड के पिछड़ों ने डेढ़ साल तक इंतजार किया। लेकिन अभी तक सरकार ने इस विषय पर कोई चर्चा नहीं की। स्मरण पत्र उन वादों और नारों को जनता के बीच लाने का एक माध्यम है। साथ ही इसके जरिये सरकार को भी यह आगाह किया जा रहा है कि वे अपने वादों को याद करते हुए, अपने इरादे बताये और इस विषय पर जल्द से जल्द निर्णय लें। आजसू पार्टी क्रमवार आंदोलन को आगे बढ़ा रही है। स्मरण-पत्र के जरिये सरकार से यह निवेदन किया जा रहा है कि वे पिछड़ों को उनका हक दें। अगर इस निवेदन पर सरकार नहीं जागी, तो आजसू पार्टी पिछड़ों के एक बड़े आंदोलन का नेतृत्व करेगी। पहले निवेदन और फिर आंदोलन, यही आजसू का मूल मंत्र है। सात दिनों के सामाजिक न्याय मार्च के बाद आजसू पार्टी के सभी नेता, कार्यकर्ता और समर्थक हर प्रखंड से हस्ताक्षरयुक्त स्मरण पत्र इकट्ठा कर रांची पहुंचेंगे और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को स्मरण-पत्र सौंपेंगे।
सामाजिक न्याय मार्च के चौथे दिन 1040 गांवों में पहुंची आजसू पार्टी
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