नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने कोरोना वैक्सीन की कीमतें कम करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 10 सितंबर को सुनवाई करने का आदेश दिया।
याचिकाकर्ता राकेश की ओर से वकील एके दुबे ने कहा कि केंद्र सरकार दूसरे देशों को मुफ्त वैक्सीन देकर सहायता कर रही है जबकि अपने देश के लोगों से वैक्सीन के लिए पैसे वसूल रही है। याचिका में कहा गया है कि शुरू में कोरोना वैक्सीन की कीमत ढाई सौ रुपये प्रति डोज तय की गई थी। बाद में इसकी कीमत तीन से चार गुना बढ़ाई गई। इसकी बढ़ी कीमतें निम्न आय वर्ग के लोगों की पहुंच से बाहर है।
याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने 7 जून को ये घोषणा की थी कि 21 जून से 18 से 44 वर्ष के लोगों को मुफ्त वैक्सीन दी जाएगी। केंद्र सरकार ने कहा था कि केंद्र सरकार की ओर से 75 फीसदी वैक्सीन मुफ्त में लगाई जाएगी जबकि निजी अस्पताल 25 फीसदी वैक्सीन लगाएंगे। केंद्र सरकार ने कहा था कि निजी अस्पताल अपनी सेवा के लिए अधिकतम डेढ़ सौ रुपये लेंगे लेकिन निजी अस्पताल काफी ज्यादा पैसे ले रहे हैं। अपोलो अस्पातल कोवैक्सीन की एक डोज के लिए 1400 रुपये ले रहा है।