आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी में पीसीपीएनडीटी एक्ट पर वेबिनार का आयोजन

आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। भ्रूण हत्या और दहेज प्रथा आदर्श समाज के लिए अभिशाप है। पीसीपीएनडीटी अधिनियम का राज्य में पालन कराने के लिए सरकार और विभाग दोनों तत्पर हैं। राज्य में 856 लिंग जांच केंद्र संचालित हैं। अधिनियम के तहत जागरूकता से जुड़े नियमों और सूचना संबंधी जानकारी का इन्हें पालन करना है। बुधवार को ये बातें स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहीं। वे आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी में पीसीपीएनडीटी एक्ट पर आयोजित वेबिनार में बोल रहे थे। कार्यक्रम में आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो डॉ एस चटर्जी ने स्वागत भाषण करते हुए उपस्थित अतिथियों और वेबिनार में शामिल विद्यार्थियों और शोध छात्रों का अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि देश में कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए भारत की संसद द्वारा पारित पीसीपीएनडीटी एक्ट एक संघीय अधिनियम है। यह अधिनियम प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगाता है। कार्यक्रम में राज्य पर्यवेक्षण समिति के सदस्य प्रो पारस नाथ मिश्रा ने कहा कि हेमंत सरकार के गठन के बाद राज्य पर्यवेक्षण आयोग पहला आयोग है, जिसका गठन किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री इसके अध्यक्ष हैं। 21 सदस्यों वाली पर्यवेक्षण समिति बेहद तत्परता के साथ इस विषय पर जागरूकता अभियान चला रही है। पीसीपीएनडीटी अधिनियम के उल्लंघन पर तत्परता से कार्रवाई भी की जा रही है। आयोग ने अपनी वेबसाइट भी बना रखी है, जिस पर सभी आवश्यक जानकारियां और संबंधित नंबर दिये गये हैं। कार्यक्रम के समापन के अवसर पर विश्वविद्यालय की डॉ ललिता कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में प्रो प्रसून कुमार, डा कुमकुम खवास और प्रो बलजीत सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम का संचालन डॉ अनिता कुमारी ने किया।

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