–काबुल से लाये जा रहे लोग, अभी भी सैकड़ों फंसे
–भारत वेट एंड वाच की स्थिति में
नयी दिल्ली। एजेंसी : अफगानिस्तान अब इस्लामिक अमीरात बन चुका है। मौलवी हिब्तुल्लाह अखुंदजादा इसका अमीर अल मोमिनीन घोषित हुआ है। तालिबान ने राष्ट्रपति भवन और संसद समेत सभी सरकारी इमारतों पर कब्जा जमा लिया है। पूरे देश में अफरा-तफरी मची है। इस बीच तालिबान सरकार चलाने में जिन पांच लोगों के नाम आयें हैं, वह खूंखार हैं। इनमें से कोई कोई आत्मघाती हमलों का मास्टरमाइंड है, तो कोई महिलाओं के हकों का दुश्मन।
इनके हाथ में अफगानिस्तान की सत्ता
हिब्तुल्लाह अखुंदजादा के अलावा मुल्ला अब्दुल गनी बरादर, मुल्ला मोहम्मद याकूब, सिराजुद्दीन हक्कानी और मुल्ला अब्दुल हकीम को अहम जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसमें से कुछ 1996 से 2001 तक चली तालिबान सरकार में शामिल थे, तो कुछ ने अमेरिका के खिलाफ 20 साल चली जंग में अहम भूमिका निभाई। अमीर हिब्तुल्लाह अखुंदजादा ऐसा क्रूर कमांडर है जिसने कातिलों और अवैध संबंध रखने वालों की हत्या करवा दी। चोरी करने वालों के हाथ काटने की सजा दी। मुल्ला अब्दुल गनी बरादर उन चार लोगों में से एक है जिन्होंने तालिबान का गठन किया था। वो तालिबान के फाउंडर मुल्ला उमर का डिप्टी था। मुल्ला मोहम्मद याकूब तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का बेटा है। तालिबान की रहबरी शूरा ने मोहम्मद याकूब को मिलिट्री विंग का कमांडर नियुक्त किया था। सिराजुद्दीन हक्कानी मुजाहिदीन कमांडर जलालुद्दीन हक्कानी का बेटा है। वो अपने पिता के बनाए हक्कानी नेटवर्क को चलाता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि हक्कानी ने ही अफगानिस्तान में आत्मघाती हमलों की शुरुआत की थी।
काबुल से लाए जा रहे भारतीय, अभी भी सैकड़ों फंसे
अफगानिस्तान के मौजूदा हालात को देखते हुए भारत सरकार ने अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत रुदेंद्र टंडन और स्टाफ को वापस बुला लिया है। वायुसेना का ग्लोबमास्टर सी-17 एयरक्राफ्ट काबुल से 150 लोगों को लेकर गुजरात के जामनगर पहुंच चुका है। भारतीय राजदूत भी इसी विमान से आये हैं। हालांकि, अभी भी बड़ी संख्या में भारतीय वहां फंसे हैं।
गृह मंत्रालय ने इमरजेंसी वीजा शुरू किया
इस बीच गृह मंत्रालय ने अफगानिस्तान से भारत आने वाले लोगों के लिए वीजा नियमों में बदलाव किया है। मौजूदा हालात को देखते हुए इलेक्ट्रोनिक वीजा की एक नई कैटेगिरी ई-एमरजेंसी एक्स-एमआईएससी वीजा शुरू की गई है। अफगानिस्तान से भारत आने वाले लोगों को जल्द से जल्द वीजा मिल सके, इसके लिए यह सुविधा शुरू की गई है।
भारत वेट एंड वॉच मोड मेः
भारत इंतजार करेगा और यह देखेगा कि अफगानिस्तान में सरकार गठन कितना समावेशी रहता है। तालिबान इसे किस तरह करता है। समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि भारत इस बात पर भी नजर रखेगा कि तालिबान के शासन पर दुनिया के अन्य लोकतंत्र किस तरह प्रतिक्रिया देते हैं।