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    Home»Breaking News»पूर्व डीजीपी कमल नयन चौबे हुए सेवानिवृत, दी गयी विदाई
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    पूर्व डीजीपी कमल नयन चौबे हुए सेवानिवृत, दी गयी विदाई

    azad sipahiBy azad sipahiAugust 31, 2021Updated:August 31, 2021No Comments4 Mins Read
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    रांची। झारखंड के पूर्व डीजीपी कमल नयन चौबे मंगलवार को सेवानिवृत हो गए। डोरंडा स्थित जैप वन ग्राउंड में उनके विदाई समारोह का आयोजन किया गया। मौके पर मुख्य अतिथि पूर्व डीजीपी कमल नयन चौबे ने कहा कि वे सेवानिवृत्ति के बाद क्या करेंगे अभी सोचा नहीं है, लेकिन जो भी करेंगे उससे वे सभी के करीब ही रहेंगे। उन्होंने कि पुलिस में अब तक के कार्यकाल में सिपाही से लेकर आइपीएस अधिकारी तक ने उन्हें अच्छी यादें दी हैं। इन यादों को वह अपने दिल में हमेशा के लिए संजो कर रखेंगे। झारखंड पुलिस के जवानों के लिए उन्होंने संदेश दिया कि वह अपने परिवार वह बच्चों का भी ख्याल रखें। अभियान में वह महीनों घर से बाहर रहते हैं, इसके बावजूद जब भी घर लौटे बच्चों को पूरा समय दें। बच्चों में अच्छी शिक्षा और अच्छा संस्कार दें। डीजी कमल नयन चौबे ने वर्तमान हेमंत सोरेन की सरकार, सभी ब्यूरोक्रेट्स विधायिका न्यायपालिका का भी आभार जताया। साथ ही वर्तमान डीजीपी नीरज सिन्हा को विशेष रूप से धन्यवाद दिया और कहा कि जितने गंभीर पदाधिकारी हैं इस महकमे को शिखर तक पहुंचाएंगे । ऐसा उन्हें विश्वास है। ये पद की गरिमा और मर्यादा को आगे भी बनाए रखेंगे।

    चौबे ने कहा कि करीब साढ़े तीन दशक खाकी पहने हुए हो गए। आज उससे अलग होते हुए मन भारी हो रहा है। लेकिन खुशी है कि योग्यता के अनुसार खाकी वर्दी की प्रतिष्ठा और इज्जत में आंच न आने दी। बल्कि इसका मान बढाने के लिए ईमानदारी से प्रयास किया है।

    अपने कार्यकाल पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों से नक्सली पैर फैलाने की कोशिश करते रहे हैं और हमारी परीक्षा लेते रहे हैं। हमें गर्व है कि शुरुआत के दिनों में जब संसाधनों का अभाव था। तब हमने हमारे पदाधिकारियों ने अपना बलिदान देकर नक्सलियों के खिलाफ कारगर कार्रवाई की। डीजीपी रहते हुए उन्होंने शांतिपूर्ण मतदान कराया। यह भी कहा कि झारखंड एक उद्योग प्रधान राज्य है यह औद्योगिक केंद्र है। अर्बन व इंडस्ट्रियल सेंटर की अपनी परेशानी होती है। इसे भी पुलिस ने बखूबी संभाला। साइबर क्राइम की चुनौतियां सामने आ रही है। पुलिस ने यहां भी निपटने में बेहतर प्रदर्शन किया। इसके बावजूद चाहे हम कितना भी बेहतर करें कितने भी अच्छे हो जाएं। उसमें सुधार की गुंजाइश बनी रहती है। जिनके टैक्स की बदौलत विकास होता है। समय वेतन मिलता है । उनके प्रति भी हमारी जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने झारखंड पुलिस को नसीहत दी कि अगर कोई परेशान व्यक्ति अपनी परेशानी लेकर पुलिस के पास जाता है, तो उसकी परेशानी को धैर्य से सुनने की जरूरत है। पुलिस को संवेदनशील होने की जरूरत है।

    विदाई समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद वर्तमान डीजीपी नीरज सिन्हा ने कहा कि डीजी कमल नयन चौबे जहां और जिस पद पर रहे कुशलता के साथ काम किया। इन्हें किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। जहां भी रहे बेहतर नेतृत्व दिया। इस मौके पर जैप वन कमांडेंट अनीश गुप्ता सहित कई वरीय अधिकारी मौजूद थे।

    उल्लेखनीय है कि डीजी सह विशेष कार्य पदाधिकारी पुलिस आधुनिकीकरण के पद से केएन चौबे सेवानिवृत्त हो गए। वह 1986 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं। इससे पहले उन्होंने शहीद बेदी को पुष्पांजलि दी। फिर जैप वन ग्राउंड पहुंचे। यहां उन्होंने एक-एक कर सभी अधिकारियों से मुलाकात की और उसके बाद परेड का निरीक्षण किया। चौबे आठ जून 2019 को झारखंड के नए डीजीपी बनाए गए थे। उन्होंने राज्य के 12वें डीजीपी का पदभार लिया था। वे मूल रूप से बिहार के कैमूर जिले के सुल्तानपुर गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता उमाकांत चौबे भी प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे। पूर्व डीजीपी कमल नयन चौबे की गिनती तेज-तर्रार अफसरों में की जाती है। वे झारखंड के डीजीपी बनने से पहले बीएसएफ में एडीजी ऑपरेशन थे। पूर्व में वे संयुक्त बिहार में देवघर, बेगुसराय, अररिया, लखीसराय के एसपी रह चुके हैं।

    कमल नयन चौबे लंबे समय तक केंद्र में मंत्री रहे प्रफुल्ल पटेल व बांका के पूर्व सांसद दिग्विजय सिंह के ओएसडी भी रहे। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद वर्ष 2014 में जैप के एडीजी बनाए गए। इसके बाद पुन: 2016 में वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए थे और तब से बीएसएफ में पहले आइजी फिर एडीजी बने। डीजीपी केएन चौबे दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़े और वहां इतिहास विषय के प्रोफेसर भी रहे। उनके बड़े भाई राजीव नयन चौबे आइएएस अधिकारी हैं।

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