रांची। झारखंड में भी वायु सेवाओं का विस्तार हो। झारखंड के छोटे छोटे शहर हवाई संपर्क से एक दूसरे से जुड़ सकें। इसे लेकर केंद्र सरकार देश स्तर पर काम कर रही है। हर राज्य के छोटे-बड़े शहरों को हवाई संपर्क से जोड़ने को लेकर क्षेत्रीय संपर्क योजना 2016 से चलाई जा रही है। यह जानकारी केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने लोकसभा में दी।
रांची के सांसद संजय सेठ के सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत “उड़े देश का आम नागरिक” स्लोगन बना कर यह कार्य शुरू किया गया है। इसमें असेवित्त, अल्पसेवित्त हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट, जल एयर ड्रोमों को जोड़कर अधिक से अधिक क्षेत्रों का हवाई संपर्क हो। हवाई यात्राएं सुगम हो, इस दिशा में काम चल रहा है।
इसके तहत 59 उड़ान हवाई अड्डों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए 359 उड़ान मार्गों का प्रचलन पहले ही हो चुका है। उड़ान योजना के अनुसार झारखंड के चाईबासा, चाकुलिया, डाल्टनगंज, देवघर, धनबाद, दुमका, गिरिडीह, जमशेदपुर, सिंदरी एवं बोकारो को ऐसे विकल्प सीमित हवाई अड्डों की सूची में शामिल किया गया है। झारखंड में चार हवाई अड्डा बोकारो, दुमका, जमशेदपुर तथा हजारीबाग को उड़ान योजना के विकास एवं प्रचालन के लिए चिन्हित भी कर लिया गया है।
सिंह ने बताया कि रांची से वाराणसी और पटना के लिए हवाई संपर्क उड़ान योजना के दायरे में नहीं आता क्योंकि यह सेवित हवाई अड्डे हैं। भागलपुर हवाई अड्डा आरसीएस दस्तावेज में उपलब्ध है। उड़ान योजना के अंतर्गत बोली प्रक्रिया के चौथे दौर तक किसी भी एयरलाइन ने भागलपुर हवाई पट्टी से जहाज उड़ाने का प्रस्ताव नहीं दिया है। यहां से भी शीघ्र ही परिचालन शुरू हो इस पर काम किया जा रहा है। इस देश का आम नागरिक के लिए भी हवाई यात्रा सुलभ और सुगम हो, इस दिशा में केंद्र सरकार काम कर रही है।