- निर्णय: हेमंत सोरेन की विस सदस्यता रद्द करने का मामला
- अब आयोग की आधिकारिक अधिसूचना का इंतजार
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गयी है। सूत्रों के अनुसार ऑफिस ऑफ़ प्रॉफिट मामले को लेकर राज्यपाल ने सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की अनुशंसा कर दी है। हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री रहते हुए खदान लीज का पट्टा लेने के मामले में चुनाव आयोग ने गुरुवार को राज्यपाल से सोरेन की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी। राज्यपाल रमेश बैस ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस मामले में राय ली थी। उन्होंने झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के साथ आयोग के लीगल एक्सपर्ट और अन्य बड़े अधिकारियों से भी बात की, उसके बाद फैसला लिया।
हालांकि सोरेन को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित करने के मामले में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। राजभवन ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। चुनाव आयोग इसकी अधिसूचना जल्द जारी
करेगा। जानकारी के अनुसार, आयोग इसकी जानकारी विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्र महतो को भी देगा। इससे पहले राजभवन में दिन भर गहमा-गहमी रही।
हमें कोई चिंता नहीं है : हेमंत सोरेन
इन तमाम राजनीतिक गहमा-गहमी के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शाम को ट्वीट किया कि उन्हें कोई चिंता नहीं है। उन्होंने लिखा: हमारे विरोधी राजनीतिक तौर पर हमसे सक नहीं पा रहे हैं, तो संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं, लेकिन हमें इसकी चिंता नहीं है। हमें यह कुर्सी विरोधियों ने नहीं, बल्कि जनता ने दी है। आज का कार्यक्रम मेरा पहले से तय था। यह कुछ कर लें। मेरी जनता के लिए मेरा काम कभी नहीं रुक सकता।
हमें केंद्रीय एजेंसियों से डराया जा रहा है : इससे पहले मुख्यमंत्री आवास में यूपीए विधायक दल की बैठक के बाद नेतरहाट पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर जम कर हमला बोला। उन्होंने कहा कि देश में दमनकारी नीति चल रही है, लेकिन दमनकारी नीतियों से देश का भला नहीं होनेवाला। उन्होंने कहा कि राज्य में हमारी सरकार काम कर रही है, तो इडी, लोकपाल और अन्य एजेंसियों के जरिये हमें डराया जा रहा है।
यूपीए विधायकों ने एक सुर में कहा : सरकार को कोई खतरा नहीं, महागठबंधन इंटैक्ट
मुख्यमंत्री आवास में शुक्रवार को भी राजनीतिक सरगर्मी जारी रही। शुक्रवार को यहां दो बार महागठबंधन के विधायकों की बैठक हुई, जिसमें तमाम विधायक शामिल हुए। बैठक से निकल कर महागठबंधन के सभी विधायकों ने एक सुर में कहा कि सरकार चलेगी, महागठबंधन पूरी तरह से एकजुट है। दिन के 11 बजे से लेकर करीब ढाई घंटे और फिर शाम को सात बजे से देर शाम तक चली इन बैठकों में आगे की रणनीति पर विचार हुआ।
कोई कहीं नहीं जा रहा है हम लोग यहीं रहेंगे : मिथिलेश
पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि कोई कहीं नहीं जा रहा है। सारे लोग यहीं रहेंगे। विकल्प पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कौन सी ऐसी स्थिति हो गयी कि विकल्प की बात आ रही है। सरकार चल रही है और समर्थन से चल रही है।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि जिस तरीके की साजिश चल रही है, इसका कोई असर नहीं पड़नेवाला है। हम सभी एकजुटता के साथ खड़े हैं। हर जोर जुल्म में हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हम लोग लड़ेंगे, न झुके हैं न झुकेंगे। बंगाल काहे जायेंगे। धरतीपुत्र हैं, यही रहेंगे।
जरूरत पड़ी तो बंगाल से विधायकों को बुलायेंगे: आलमगीर आलम
मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि हमारे विधायक और मंत्री रांची में ही रहेंगे, हम कहीं नहीं जा रहे हैं। हमें अपने विधायकों पर पूरा विश्वास है। सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है। समर्थन पर उन्होंने कहा कि 42 विधायक बैठक में मौजूद थे, तीन विधायक हमारे निलंबित हैं और वैसी जरूरत पड़ेगी, तो बंगाल से तीनों विधायकों को बुलायेंगे।
यूपीए के सभी विधायक एकजुट : रामेश्वर उरांव
झारखंड सरकार के मंत्री और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कहा कि यूपीए के सभी विधायक इंटैक्ट हैं। हम कहीं नहीं जा रहे हैं। सभी रांची में ही हैं और रहेंगे। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार पर कोई खतरा नहीं है।