रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने शुक्रवार को रिम्स की लचर व्यवस्था को लेकर स्वतः संज्ञान मामले में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान रिम्स प्रशासन को फटकार लगाते हुए कड़ी टिप्पणी की है। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी में कहा कि रिम्स प्रशासन में खुद बदलने की इच्छाशक्ति नहीं है। कोर्ट के कई आदेश के बाद भी रिम्स में मौजूद अव्यवस्था में अब तक कोई सुधार नहीं आया है।
रिम्स में आवश्यक सामग्री जैसे सिरिंज, कॉटन, ग्लव्स, एक्स रे प्लेट, सिटी मशीन की फिल्म आदि की खरीद रिम्स प्रबंधन द्वारा नहीं किए जाने पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि रिम्स की पूरी व्यवस्था ध्वस्त प्रतीत होती है। कई जांच मशीनें महज एक-दो दिन ही चल पा रही है और इसके बाद फिर खराब हो जाती हैं। रिम्स में पैथोलॉजी जांच की कीमत काफी कम होती है जबकि निजी लैबों में इसके लिए चार से पांच गुनी अधिक राशि की वसूली की जाती है। जांच मशीनों के खराब रहने से राज्य की जनता को इलाज के दौरान काफी अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ रहा है और रिम्स प्रशासन इसे लेकर कतई गंभीर नहीं है।
हाई कोर्ट ने कहा कि रिम्स में चाहे नियुक्ति की बात हो या एक्सरे मशीन, अल्ट्रासाउंड मशीन, सीटी स्कैन मशीन आदि को दुरुस्त रखने की बात हो। इसे लेकर कोई सार्थक प्रयास नहीं किया जाता है। रिम्स में अधिकांश जांच मशीनें खराब रहती है। ऐसे में रिम्स की अव्यवस्था पर हाई कोर्ट अपनी आंखें बंद नहीं रख सकता है। रिम्स के चिकित्सक प्राइवेट प्रैक्टिस भी करते हैं और नॉन प्रैक्टिस अलाउंस भी लेते हैं। कोर्ट ने रिम्स के अधिवक्ता से पूछा कि किस कारण से रिम्स के डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस करने की इजाजत दी गई है।
कोर्ट ने रिम्स में आउटसोर्सिंग से लोगों की नियुक्ति बर्दाश्त नहीं किए जाने की भी बात कही। नियमित नियुक्ति रिम्स में सुनिश्चित किए जाने पर भी हाई कोर्ट ने जोर दिया। स्वीपर के पद के पद पर सीधी नियुक्ति की जाए। कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि सुनवाई में रिम्स डायरेक्टर क्यों नहीं उपस्थित हुए। कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी में कहा कि जब रिम्स डायरेक्टर के खिलाफ अवमानना से संबंधित मामला चल रहा है तो खुद ही उन्हें आना चाहिए था। उनकी जगह रिम्स के प्रभारी निदेशक क्यों आए, प्रभारी निदेशक को किसी बात की जानकारी नहीं है, ऐसे में उनको क्यों भेजा गया। हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई तीन सितंबर निर्धारित की है।