– काहिरा एयरबेस पर अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए सेना और वायु सेना की टीम रवाना
– भारत ने पांच लड़ाकू मिग-29, दो परिवहन और टैंकर विमान हिस्सा लेने के लिए भेजे

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना की टीम मिस्र के काहिरा एयरबेस पर होने वाले ‘ब्राइट स्टार’ अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए रविवार को रवाना हो गई। यह द्विवार्षिक बहुपक्षीय त्रि-सेवा अभ्यास 16 सितंबर तक चलेगा। यह पहला मौका है जब भारतीय वायुसेना संयुक्त राज्य अमेरिका, सऊदी अरब, ग्रीस और कतर की वायु सेनाओं के साथ इस अभ्यास में शामिल होगी। इस अभ्यास में भारतीय सेना की 150 सदस्यीय टुकड़ी भी हिस्सा लेगी।

विंग कमांडर आशीष मोघे ने बताया कि काहिरा एयरबेस में होने वाले अभ्यास ‘ब्राइट स्टार’ के इस संस्करण में पहली बार भारत की वायुसेना भी 150 कर्मियों के साथ हिस्सा लेगी। मिस्र में 16 सितंबर तक होने वाले द्विवार्षिक बहुपक्षीय त्रि-सेवा अभ्यास में भाग लेने के लिए आईएएफ की एक टुकड़ी आज सुबह रवाना हो गई। इस अभ्यास में अमेरिका, सऊदी अरब, ग्रीस और कतर की टुकड़ियों की भी भागीदारी होगी।

उन्होंने बताया कि भारतीय वायुसेना के दल में पांच लड़ाकू मिग-29, दो टैंकर विमान आईएल-78, दो सी-130 और दो सी-17 परिवहन विमान शामिल होंगे। भारतीय वायुसेना के गरुड़ विशेष बल के कर्मियों के साथ-साथ 28, 77, 78 और 81 स्क्वाड्रन के कर्मी अभ्यास में भाग लेंगे। इस अभ्यास में भारतीय सेना की 150 सदस्यीय टुकड़ी भी हिस्सा लेगी, जिन्हें वायुसेना के परिवहन विमान से एयरलिफ्ट करके ले जाया जाएगा।

विंग कमांडर मोघे ने बताया कि इसका उद्देश्य संयुक्त अभियानों की योजना और कार्यान्वयन का अभ्यास करना है। सीमाओं के पार संबंध बनाने के अलावा इस तरह के अभ्यास भाग लेने वाले देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाने का मौका भी प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि विदेश में उड़ान अभ्यास के लिए भारतीय वायुसेना की टुकड़ियों की संख्या फ्लाइट सूट में राजनयिकों से कम नहीं है।

भारत और मिस्र के बीच असाधारण संबंध और गहरा सहयोग रहा है, जिसमें दोनों ने 1960 के दशक में संयुक्त रूप से एयरो-इंजन और विमान का विकास किया था। मिस्र के पायलटों को भारतीय समकक्षों ने प्रशिक्षण भी दिया था। दोनों देशों के वायुसेना प्रमुखों और भारतीय रक्षामंत्री एवं प्रधानमंत्री की हाल की मिस्र यात्राओं से दोनों सभ्यता वाले देशों के बीच संबंध और मजबूत हुए हैं। दोनों देशों ने अपने सशस्त्र बलों के बीच नियमित अभ्यास के साथ अपने संयुक्त प्रशिक्षण को भी बढ़ाया है।

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