भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कागजात लहराये और बताया कि कैसे राज्य के मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार कर रहे हैं। जमीन खरीदने के लिए अपना और अपने परिवार का नाम बदल दिया। बाबूलाल ने कहा, ऐसी कई संपत्ति है, जिसकी इन्होंने जानकारी नहीं है। अगर उन्होंने कोई गड़बड़ी नहीं की है, तो डर क्यों रहे हैं । ईडी के सवालों का जवाब दें जाकर, भाग क्यों रहे हैं?
हेमंत सोरेन ने पिता का नाम बदलकर शिबू की जगह शिव सोरेन कर दिया
बाबूलाल मरांडी ने कल से शरू हो रही संकल्प यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि यह यात्रा इसलिए जरूरी है क्योंकि राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त करना है। राज्य का मुख्यमंत्री भ्रष्ट है, तो वह कैसे भ्रष्टाचार को रोकेगा। मेरे पास एक कागजात है कि इन्होंने जमीन खरीदी है साल 2002 इन्होंने इसमें अपने नाम में कुमार जोड़ा है और हेमंत कुमार सोरेन कर दिया है। पिता शिबू सोरेन का नाम बदलकर शिव सोरेन कर दिया है। दुर्गा सोरेन का नाम दुर्गा प्रसाद सोरेन कर दिया है। बसंत सोरेन का नाम बसंत कुमार सोरेन है झारखंड में तो भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है। पैसे लेने में अधिकारी डर नहीं रहे हैं, पैसा वसूलना है वसूलो। अधिकारी कहते हैं काम कराना है, तो पैसा तो देना ही होगा। झारखंड में भ्रष्टाचार सिर चढ़कर बोल रहा है।
संकल्प यात्रा का आगाज कल सिदो- कान्हू की धरती भोगनाडीह से
बाबूलाल मरांडी की संकल्प यात्रा शुरू हो रही है यह यात्रा 17 अगस्त लेकर 18 अक्टूबर तक होगी। यह यात्रा कई विधानसभा से होकर गुजरेगी। बाबूलाल मरांडी ने कहा हम राज्य में घूम- घूम कर लोगों को यह बतायेंगे उनके अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ेंगे।
संकल्प यात्रा का जिक्र करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, सिदो कान्हू ने जहां अंग्रेजों के खिलाफ लोहा लिया था। उसी जगह से संकल्प यात्रा शुरू हो गयी भोगनाडीह से। सत्ता में बैठे लोग आदिवासी के नाम पर आंदोलन कर रहे हैं। भ्रष्टाचार भी राज्य में इस कारण से है कि आदिवासी मुख्यमंत्री होकर आदिवासियों को खूब लूटा है औऱ नाम बदल- बदल कर लूटा है। राज्य का मुख्यमंत्री ही अगर इस प्रकार का हो तो वहां तो लूटरे, अपराधी भी फले फूलेंगे
ईडी पूछताछ के लिए बुलाती है तो सीएम कहते हैं हम आदिवासी हैं
राज्य की कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा, आप देख ही रहे हैं राज्य में कानून व्यवस्था की क्या स्थिति है। ईडी जब जांच करती है, तो कहते हैं हम आदिवासी हैं अरे भाई कानून सबके लिए एक है। ईडी ने नोटिस भेजा था, ईडी जो पूछ रही है उसका जवाब दे दीजिए। एक तरफ तो गड़बड़ी करेंगे और सीनाजोरी भी करेंगे तो कैसे चलेगा। बचने के लिए बड़े – बड़े वकीलों को ला रहे हैं भई डर किसका है।
अटल बिहारी वाजपेयी का झारखंड से था खास रिश्ता
झारखंड के लिए आज खास दिन है क्योंकि आज अटल विहारी वाजपेयी के लिए खास दिन है। झारखंड के साथ उनका जुड़ाव कितना था हम सभी जानते हैं। झारखंड राज्य को बनाने का श्रेय अटल विहारी वाजपेयी को जाता है। अलग राज्य बनाने की मांग देश की आजादी के बाद से ही हो रही थी। उस वक्त कांग्रेस पार्टी की सरकार थी कांग्रेस पार्टी आदिवासियों के लिए बातें तो बड़ी – बड़ी करती है लेकिन उन्होंने कभी आदिवासियों की मांग पर ध्यान नहीं दिया। कांग्रेस में चाहे किसी भी सरकार हो वह यहां के आदिवासी नेताओं को गोद में बिठाते रहे खिलाते रहे लेकिन झारखंड के लिए कुछ नहीं किया। झारखंड के नेता भी उनके साथ रहे क्योंकि पैसे औऱ पद से वह उन्हें खुश रखते रहे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाबूलाल मरांडी ने विस्तार से बाताया कि कैसे अटल विहारी वाजपेयी ने अलग राज्य बनाने में कैसे अहम भूमिका निभाई।बाबूलाल ने कहा, आज जिन लोगों के हाथ में राज्य का शासन है। साढ़े तीन साल इनके हो गये इस राज्य के लिए विकास के लिए काम नहीं किया कमाने और लूटने में लगे रहे।