-अवैध उत्खनन पर पूर्णत: रोक लगायें
-अपराध नियंत्रण और आपराधिक गिरोह पर लगाम लगाने का दिया निर्देश
दीपक सिंह
हजारीबाग। समाहरणालय स्थित सभागार में झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में हजारीबाग रेंज के डीआइजी, रेंज के जिलों (हजारीबाग, चतरा, रामगढ़, कोडरमा और गिरिडीह) के एसपी तथा अन्य पदाधिकारियों के साथ हजारीबाग रेंज में अपराध नियंत्रण एवं विधि-व्यवस्था संधारण हेतु तथा नक्सलियों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियानों पर समीक्षा बैठक हुई। पुलिस महानिदेशक ने संगठित रूप से किये जाने वाले अवैध उत्खनन (यथा-कोयला, आयरन और बालू एवं पत्थर) पर पूर्णत: रोक लगाने और उसपर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने एनटीपीसी के क्षेत्रों में लाइट और सीसीटीवी कैमरा लगाने की बात कही।
बैठक में डीजीपी अजय कुमार सिंह द्वारा महत्वपूर्ण अपराध शीर्ष यथा-हत्या, डकैती, लूट, चोरी, गृहभेदन, स्नेचिंग, आर्म्स एक्ट, फिरौती के लिए अपहरण, संगठित आपराधिक गिरोह द्वारा रंगदारी, बलात्कार, पोक्सो एक्ट और अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत प्रतिवेदित कांडों तथा उसके निष्पादन पर चर्चा की गयी। इस बैठक में अपराध नियंत्रण हेतु संगठित आपराधिक गिरोहों के सरगना और उसमें शामिल सदस्यों को चिह्नित करते हुए सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। जमानत पर छूटे अपराधकर्मियों की वर्तमान गतिविधि पर लगातार निगरानी रखते हुए सीसीए के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करने पर बल दिया। संगठित आपराधिक गिरोह के फरार सदस्यों कीहर हाल में गिरफ्तारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया। जिला में सक्रिय टॉप 10 अपराधकर्मियों को टीम गठित कर उन्हें अविलंब गिफ्तार कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने सक्रिय अपराध कर्मियों के विरुद्ध सीसीए के तहत किस जिले से कितने प्रस्ताव भेजे गये, कितने अप्रूव हुए और कितने पेंडिंग हैं की जानकारी ली। संगठित आपराधिक गिरोहों पर लगाम लगाने के लिए हजारीबाग क्षेत्राधीन सभी जिलों में आपराधिक गिरोहों और उनके सदस्यों की सूची तैयार कर फरार अपराधकर्मियों को यथाशीघ्र गिरफ्तार करने और जेल में बंद अपराधकर्मियों पर निगरानी रखने का निर्देश दिया। जेल से छूटे अपराधकमियों का बेल कैंसिलेशन कराने तथा स्पीडी ट्रायल कर अपराधियों को सजा दिलाने और फरार अपराधकर्मियों के विरुद्ध नियमानुसार पुरस्कार की घोषणा करने का निर्देश दिया।
इसके अतिरिक्त इस बैठक में उग्रवादियों की चल-अचल संपत्तियों की जब्ती के प्रस्तावों की स्थिति, फरार नक्सली कमांडरों के खिलाफ इनाम घोषणा के प्रस्तावों की स्थिति, पांच वर्ष और दस वर्ष से अधिक अवधि से लंबित मामलों की समीक्षा की गयी।
हाल के दिनों में असामाजिक तत्वों के द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य में अराजकता फैलाने का कार्य करने का प्रयास किया जाता रहा है। सोशल मीडिया के सभी साधनों पर निगरानी रखने की आवश्यकता पर बल दिया। बैठक में डीजीपी अजय कुमार सिंह के अलावा मुरारीलाल मीणा अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय, संजय आनंदराव लाटकर, अपर पुलिस महानिदेशक, अभियान, मनोज कौशिक, पुलिस महानिरीक्षक, मुख्यालय, अखिलेश झा, पुलिस महानिरीक्षक मानवाधिकार, अमोल वेणुकांत होमकर, पुलिस महानिरीक्षक, अभियान, प्रभात कुमार, पुलिस महानिरीक्षक विशेष शाखा, असीम विक्रांत मिंज, पुलिस महानिरीक्षक, अपअनुवि, ए विजया लक्ष्मी, पुलिस उप महानिरीक्षक, कार्मिक, नरेंद्र कुमार, डीआइजी, हजारीबाग, डॉ शम्स तबरेज, डीआइजी, बजट, मनोज रतन चोथे एसपी हजारीबाग, राकेश रंजन, एसपी चतरा, पियुष पांडेय एसपी रामगढ़, कुमार गौरव एसपी कोडरमा औरदीपक कुमार शर्मा एसपी गिरिडीह तथा क्षेत्र के अन्य पुलिस पदाधिकारियों ने भाग लिया।
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