रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने बिहार के बांका के चंदन डैम से सिंचाई के लिए झारखंड को पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने को लेकर सांसद निशिकांत दुबे की जनहित याचिका मामले में बिहार सरकार को चार सप्ताह में शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा है कि चंदन डैम में जो सिल्ट (गाद) जमा हो गया है, उसे हटाने के लिए क्या किया जाएगा।
इससे पहले सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने कोर्ट को बताया कि चंदन डैम में 75 प्रतिशत गाद भर गया है। इससे इस डैम की पानी की जमा रखने क्षमता मात्र 25 प्रतिशत ही रह गई है। बिहार सरकार ने चंदन डैम से झारखंड को पानी देने में असमर्थता जताई है। झारखंड सरकार का कहना है कि उसे इस डैम से पानी मिलना चाहिए, ताकि गोड्डा में सिंचाई हो सके। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने पैरवी की। मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई की।
पूर्व की सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि चंदन डैम में छह कैनाल सिस्टम हैं, जिनमें चार कैनाल सिस्टम झारखंड में आते हैं तथा दो बिहार में आते हैं। यह स्ट्रक्चर डैमेज हो चुका है, जिसका रिपेयर करना जरूरी है ताकि गोड्डा जिला में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सके। याचिकाकर्ता निशिकांत दुबे ने गोड्डा में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी के लिए चंदन डैम के कैनाल सिस्टम को रिपेयर करने का आग्रह करते हुए 2016 में जनहित याचिका दाखिल की थी।