रांची। झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पांचवें दिन गुरुवार को 11 बजे सत्र की शुरुआत के साथ भाजपा विधायक वेल में आकर कांग्रेस इरफान अंसारी द्वारा आदिवासी समाज और बाबूलाल मरांडी पर दिए गये बयान को लेकर विरोध जताते रहे। विधायक शशिभूषण मेहता के आचरण को लेकर स्पीकर बेहद आवेश में नजर आये। यहां तक कि मार्शल को उन्हें सदन से बाहर किए जाने तक को कह दिया। वे बार-बार भाजपा विधायकों से सीट पर जाने की अपील करते रहे।

नाराजगी जताते हुए कहा कि सदन कोई अखाड़ा नहीं है। एक पल को आवेश में स्पीकर भी खड़े हो गये। उन्होंने कहा कि सदन में सदस्य हाथ उठाकर बात कर रहे जो ठीक नहीं। सदस्य बांह मोड़कर चले जाते हैं। वे आसन को चुनौती दे रहे हैं। उन्हें अपनी जगह पर बैठना चाहिये। गलत आचरण को बर्दाश्त करने की उनकी आदत नहीं है। बार-बार शोरगुल के बीच 11.25 पर स्पीकर ने सदन को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

इन सबके बीच विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि दो दिन पहले डिबेट के दौरान उन्होंने आदिवासियों के संबंध में जो कहा, उसे सदन ने स्पंज कर दिया था। आदिवासियों को उन्होंने कुछ नहीं कहा था। फिर भी वे खेद व्यक्त करते हैं। उनकी ऐसी भावना नहीं थी। वे आदिवासी समाज के बड़े हितैषी हैं। मध्य प्रदेश में पिछले दिनों एक आदिवासी युवक पर जिस तरह से पेशाब किया गया था, वे उसके लिए अपनी बात कह रहे थे। इससे पहले विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि भाजपा विधायक शशिभूषण मेहता का व्यवहार सदन में ठीक नहीं है। स्पीकर उन्हें दो दिनों के लिए निष्कासित कर दें।

सदन शुरू होने के बाद हंगामे के बीच भाजपा विधायक अनंत ओझा ने राज्य सरकार पर किसानों को ठगने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष बुधवार को किसान हित के नाम पर घड़ियाली आंसू बहा रहा था आठ लाख उनचास हजार से अधिक किसानों को पीएम किसान राहत से वंचित रखा गया है और इसका झूठा आरोप केंद्र पर लगाया है। सच यही है कि केंद्र लगातार किसानों को मदद दे रहा है लेकिन राज्य सरकार लगातार गलत बयानी कर रही है। समीर कुमार मोहंती ने आंगनबाड़ी सेविकाओं को पोषाहार की राशि समय पर भेजे जाने की अपील की। उन्होंने कहा कि 86 करोड़ 96 लाख 50 हजार रुपये पोषाहार के लिए अभी जारी किए गए है पर होना यह चाहिए कि नियमित समय पर यह राशि आवंटित हो।

उल्लेखनीय है कि अनुपूरक बजट पर कटौती प्रस्ताव पर दो दिनों पहले सदन में चर्चा के क्रम में इरफान ने बाबूलाल मरांडी को टारगेट करते कहा था कि कोई आदिवासी इतना स्मार्ट कैसे हो सकता है। इसे लेकर भाजपा के लोग उन पर सदन में और सदन से बाहर हमलावर हैं।

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