भारत ने चांद पर चंद्रयान-3 भेजकर जो इतिहास रचा है, उसमें पूरे देश के साथ रांची की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। दरअसल, रांची के ही इंजीनियरों ने इसका डिजाइन बनाया और यही के मजदूरों ने इसका लॉन्चिंग पैड तैयार किया। देश की प्रमुख डिजाइनर सह कंसलटेंट कंपनी मेकॉन और देश के सबसे बड़े स्टील प्लांट एचईसी ने इसरो में स्थापित लॉन्चिंग पैड के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई। चंद्रयान-2 के बाद चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग इसी पैड से हुई है।
इस लॉन्चिंग पैड से अब तक 34 सैटेलाइट प्रक्षेपण किए जा चुके हैं। इस लॉन्चिंग पैड का डिजाइन बनाने से लेकर मूर्तरूप देने का श्रेय मेकॉन के वरीय महाप्रबंधक श्रीनिवास को जाता है। उन्हीं के दिशा-निर्देशन में मेकॉन के 40 इंजीनियरों की टीम ने इसे तैयार करने में अहम भूमिका निभाई। रिकॉर्ड पर नजर डाली जाए तो 1998 में मेकॉन को लॉन्चिंग पैड बनाने के साथ इंजीनियरिंग, डिजाइनिंग, टेस्टिंग और उसे स्थापित करने का जिम्मा मिला था।
1999 में मेकॉन ने इस पर काम करना शुरू किया और 2003 में इसे पूरा कर इसरो को सौंप दिया। इसे बनाने के लिए मेकॉन को 350 करोड़ रुपए देने का कॉन्ट्रैक्ट हुआ था, लेकिन काम से खुश होकर इसरो ने इसके लिए 400 करोड़ रुपए का भुगतान किया।
लॉन्चिंग पैड बनाने में एचईसी के कामगारों का यह योगदान
फोल्डिंग कम वर्टिकली प्रीपोजिशन एबल प्लेटफार्म तैयार किया।
होरिजेंटल स्लाइडिंग डोर, मोबाइल लाॅन्च पेडेस्टल बनाया
स्पेशल परपज 400 टन और 200 टन क्षमता की ट्रेन और टावर क्रेन बनाई।
मर्जिंग स्टील के 2.8 डायमीटर की फॉर्ज्ड रिंग बनाई।
स्पेशल ग्रेड के स्टील से हेवी ड्यूटी स्ट्रक्चर तैयार किया।
हैवी ड्यूटी सीएनसी मशीन टूल्स बनाकर दिए।
मेकॉन बोला… अगले 25-30 साल काम करेगा लॉन्चिंग पैड: मेकॉन के वरिष्ठ महाप्रबंधक श्रीनिवास ने बताया कि इस लॉन्चिंग पैड की डिजाइनिंग अत्याधुनिक और टिकाऊ है। यह 2003 से लगातार काम कर रहा है। अगले 25-30 वर्षों तक काम कर सकता है। इस उपलब्धि के लिए मेकॉन अधिकारी-कर्मी स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं।
एचईसी कामगारों के परिवारों के चेहरे पर गर्व, जलाए जीत के दीये, आज निकालेंगे तिरंगा यात्रा
चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर उतरते ही एचईसी परिसर में जश्न का माहौल दिखा। एचईसी मुख्यालय समेत कॉलोनी में भारत माता की जय के नारे गूंजने लगे और लोग तिरंगा झंडा लिए सड़कों पर निकल आए। मुख्यालय और आसपास खड़े कर्मचारियों ने चंद्रयान की लैंडिंग के साथ ही इसरो और एचईसी की जय के नारे भी लगाएं। कर्मचारियों ने घर पहुंचकर दीप भी जलाए। यूनियन के नेता प्रेम शंकर पासवान, पूर्णेन्दु दत्त मिश्रा, शशि कुमार, सुभाष चंद्र, धनंजय कुमार, तनवीर आलम, संतोष कुमार, अविनाश कुमार, रामाशंकर प्रसाद, सुनील कुमार समेत अन्य कर्मचारियों ने सड़क पर ही नाचना शुरू कर दिया।
भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध एचईसी मजदूर संघ ने निर्णय लिया कि चंद्रयान के सफल अभियान के उपलक्ष्य में गुरुवार को सुबह 10:30 बजे एचईसी मुख्यालय से तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी, जो गोलचक्कर होते हुए अलग-अलग मार्गों से होते हुए मुख्यालय पहुंचकर विसर्जित होगी।