रांची। झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पांचवें दिन गुरुवार को दोपहर 12 बजे जब सदन शुरू हुआ तो भाजपा विधायकों के शोर-शराबे के बीच स्पीकर ने सदन की कार्रवाई दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। मुश्किल से 10 मिनट से अधिक समय तक चली सदन की कार्यवाही में संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने आदिवासी समाज को विधायक इरफान अंसारी द्वारा स्मार्ट बोले जाने के प्रकरण पर क्षमा मांग ली। साथ ही कहा कि सदन में विपक्ष जो आचरण दिखा रहा है, उसकी भी जांच हो।
इस दौरान प्रदीप यादव ने भी भाजपा विधायक शशिभूषण मेहता के आचरण को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बांहें उठाकर वे ऐसा दिखा रहे हैं जैसे वे किसी अखाड़े में हों। उनकी हरकत के लिए भाजपा के सचेतक को भी माफी मांगनी चाहिए। भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि बुधवार को सदन में जो कहा, उससे पूरे देश का एक समुदाय आहत हुआ है। राष्ट्रपति जैसे शीर्ष पद पर आदिवासी महिला पहुंच चुकी है। बावजूद इसके इरफान ने आदिवासी समाज को जलालत भरे शब्दों में आहत किया है। स्पीकर ने इस बात को खत्म करने की अपील की लेकिन भाजपा विधायक इसे अनसुना करते रहे।
इसी क्रम में आलमगीर आलम ने आक्रोश जताते कहा कि मध्य प्रदेश में आदिवासी युवक के साथ जो हुआ, मणिपुर की जो घटना हुई, उस पर भी भाजपा जवाब दे। मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी भाजपा पर आरोप लगाते कहा कि इरफान अंसारी और आलमगीर आलम ने माफी मांग ली फिर भी इस पर राजनीतिक रोटी सेंकी जा रही है। इसके बाद स्पीकर ने शून्यकाल की सूचनाएं लेनी शुरू की। विधायक अंबा प्रसाद ने उर्दू शिक्षकों की बहाली का मसला उठाया। उन्होंने कहा कि दो दशक से शिक्षकों की बहाली नहीं हो रही है। कई रिटायर हो गये। पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में इनके पदों को घटा दिया गया। सरकार घटाये गये पदों को पूर्व की भांति यथावत करें। नियुक्ति भी करें।