नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में केंद्र सरकार की आर्थिक उपलब्धियों का जिक्र कर कहा कि पिछली सरकारें ‘होगा और करेंगे’ कहती थीं, जबकि मौजूदा सरकार में ‘हुआ और किया गया है’ की बात हो रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार के कार्यकाल में योजनाओं की केवल घोषणा होती थी, लेकिन मौजूदा सरकार में इन्हें जमीनी स्तर पर उतारा गया है।

वित्त मंत्री आज लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अपनी बात रख रही थीं। उन्होंने कहा कि आप (कांग्रेस) सपना दिखाते हैं और हम उसे पूरा करते हैं। हमारा मंत्र सबका विकास और तुष्टीकरण किसी का नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले नौ सालों में देश में स्पष्ट बदलाव दिखाई दे रहा है। वर्तमान सरकार में विकास कार्यों में होना वाला खर्च 3.93 लाख करोड़ से बढ़कर 10.9 लाख करोड़ हो गया है। कृषि का बजट 21,933 करोड़ से बढ़कर 1 लाख 24 करोड़ हो गया है। यह पांच गुना बढ़ा है। रक्षा निर्यात 16 हजार करोड़ हो गया है। किसानों को ऋण देने में बढ़ोतरी की गई है और यह बढ़कर 21.67 लाख करोड़ हो गई है।

उन्होंने कहा कि एक दशक पहले क्रोनी कैपिटलिज्म और भ्रष्टाचार से देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर कम रही जबकि हमारे कार्यकाल में विकास दर अधिक और महंगाई कम है। वित्तमंत्री ने कहा कि तकनीक के क्षेत्र में आज भारत अग्रणी भूमिका में है। आज दुनिया के कई देश भारत के यूपीआई का उपयोग कर रहे हैं। बैंकों में फैलाया यूपीए सरकार का रायता हम साफ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जन औषधि केंद्रों की शुरुआत भले ही यूपीए सरकार ने की थी लेकिन उसका लाभ मोदी सरकार में ही लोगों तक पहुंचा है।

वित्त मंत्री ने इस दौरान द्रमुक सदस्यों की ओर से उठाए गए प्रश्नों और की गई टिप्पणियों का जवाब दिया। बीच-बीच में उन्होंने तमिल में भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि एम्स मदुरै भारत सरकार फंड कर रही है। ऐसे में हम उधार लेकर फंड करें या नहीं, यह भारत सरकार का विषय है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में यूरिया के दामों में बढ़ोतरी हुई लेकिन हमने उसका बोझ किसानों पर नहीं पड़ने दिया।

इस दौरान तमिल गौरव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सेंगोल एक छड़ी की तरह सालों तक पड़ा रहा उसे इतिहास ने भूला दिया तब तमिल गौरव की बात द्रमुक ने नहीं उठाई। उनकी सरकार ने ही जल्लीकट्टू से प्रतिबंध हटाने में सहयोग किया जबकि पिछली सरकार ने इसे बर्बरता करार दिया था। उन्होंने कहा कि द्रमुक सदस्य ने द्रौपदी का विषय उठाया लेकिन तमिलनाडु विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री के साथ हुए दुर्व्यवहार को वे भूल गए।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version