उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में बुधवार को रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा और देशभर में सबसे पहले भगवान महाकाल को राखी बांधी जाएगी। तड़के तीन बजे मंदिर के पट खुलेंगे, तत्पश्चात भस्म आरती में भगवान महाकाल को पुजारी परिवार द्वारा राखी बांधकर रखाबंधन पर्व की शुरूआत की जाएगी। इस दौरान भगवान को सवा लाख लड्डुओं का महाभोग भी लगाया जाएगा।दिनभर महाप्रसादी का वितरण होगा।

मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि परम्परा के अनुसार, देशभर में सभी त्योहार सबसे पहले महाकालेश्वर मंदिर में जाते हैं। इसमें रक्षाबंधन भी शामिल है। इसके साथ ही श्रावणी पूर्णिमा पर भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाने की परंपरा है। इस बार भी पुजारी परिवार द्वारा भक्तों के सहयोग से भगवान को महाभोग लगाया जाएगा। पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान को राखी बांधेंगी। अभिषेक स्थल पर महाभोग के साथ भगवान के मुखारविंदों के दर्शन होंगे। मंदिर में आकर्षक पुष्प सज्जा होगी। मान्यता है कि श्रावण में मासपर्यंत उपवास रखने वाले भक्त श्रावण मास की समाप्ति पर रक्षाबंधन के दिन भगवान महाकाल को अर्पित लड्डू भोग प्रसादी ग्रहण कर पारणा करते हैं।

उन्होंने बताया कि श्री सिद्धक्षेत्र वाल्मीकि धाम आश्रम में 31 अगस्त को भुजरिया पर्व मनाया जाएगा। भगवान जाहरवीर गोगादेवजी की छड़ियों का मेला लगेगा। देशभर से गोगादेवजी की छड़ियां आश्रम पहुंचेंगी। शाम को महाकालेश्वर मंदिर में श्री वाल्मीकि धामपीठधीश्वर राष्ट्रीय संत बालयोगी उमेशनाथजी महाराज द्वारा भगवान महाकाल व गोगादेवजी का मिलन कराया जाएगा। पश्चात अतिथि छड़ियों का पूजन करेंगे। पश्चात छड़ी चल समारोह की शुरुआत होगी।

चल समारोह महाकाल मंदिर से शुरू होकर पटनी बाजार, गोपाल मंदिर, ढाबारोड, दानीगेट, अनंतपेठ, जूना सोमवारिया, गोंसा दरवाजा, वाल्मीकिधाम चौराहा, बड़नगर रिंग रोड होते हुए श्री वाल्मीकि धाम आश्रम पहुंचेगा। यहां रात्रि पर्यंत गोगा गायन होगा। इस बार मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों के विभिन्न जिलों व शहरों से छड़ियां, अखाड़े, गायन पार्टियां, संतगण व सत्संगी भुजारिया पर्व में शामिल होने उज्जैन आ रहे हैं।

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