-80 मिलीमीटर की गहराई में माइनस 10 डिग्री
आजाद सिपाही संवाददाता
बेंगलुरु। चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर में लगे चास्टे पेलोड ने चंद्रमा के तापमान से जुड़ा पहला अध्यन भेजा है। चास्टे यानी चंद्र सरफेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट के मुताबिक चंद्रमा की सतह और अलग-अलग गहराई पर तापमान में काफी अंतर है। चंद्रमा के साउथ पोल की सतह पर तापमान करीब 50 डिग्री सेल्सियस है। वहीं, 80 मिलीमीटर की गहराई में माइनस 10 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया। चास्टे में 10 तापमान सेंसर लगे हैं, जो 100 मिलीमीटर की गहराई तक पहुंच सकते हैं। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया था कि उन्होंने चंद्रमा के साउथ पोल को इसलिए चुना, क्योंकि यहां भविष्य में इंसानों को बसाने की क्षमता हो सकती है। साउथ पोल पर सूर्य का प्रकाश कम समय के लिए रहता है। अब जब चंद्रयान-3 वहां के तापमान समेत अन्य चीजों की स्पष्ट जानकारी भेज रहा है, तो वैज्ञानिक अब यह समझने की कोशिश करेंगे कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की मिट्टी वास्तव में कितनी क्षमता रखती है।

चंद्रयान-3 के साथ कुल सात पेलोड भेजे गये हैं
चंद्रयान-3 मिशन के तीन हिस्से हैं। प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर। इन पर कुल सात पेलोड लगे हैं। एक पेलोड, जिसका नाम शेप है, वह चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल पर लगा है। ये चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाकर धरती से आने वाले रेडिएशन की जांच कर रहा है। वहीं लैंडर पर तीन पेलोड लगे हैं, रंभा, चास्टे और इल्सा। प्रज्ञान पर दो पेलोड हैं। एक इंस्ट्रूमेंट अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का भी है, जिसका नाम है लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर। यह चंद्रयान-3 के लैंडर पर लगा हुआ है। यह चंद्रमा से पृथ्वी की दूरी मापने के काम आता है।

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