रांची। झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार काे कांग्रेस विधायक नेहा शिल्पी तिर्की ने सदन में भुईंहर मुंडा जाति का मुद्दा उठाया, जो अपनी जाति की पहचान को कायम रखने के लिए 24 साल से संघर्ष कर रहे हैं।
विधायक ने कहा कि झारखंड राज्य के अनेक अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति जैसे- भुईहर मुंडा, खूंटकटी मुआईण्डा, कम्पाट मुण्डा, चीक बड़ाईक, भईया (पाईक), लोहरा, लोहार, चीक बड़ाईक, स्वांशी, घटवार, घटवाल आदि समुदायों के खतियान में लिपिकीय त्रुटि के कारण उनकी मूल अनुसूचित जाति या जनजाति के स्थान पर अन्य असंगत जाति या तथ्य दर्ज हो गये हैं, जिसके कारण उक्त जातियों के संबंधित लोगों को अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है और वे सभी अपने संवैधानिक अधिकारों से वंचित है।
इसपर मंत्री दीपक बिरुवा ने कहा कि टीआरआई की रिपोर्ट के आलोक में सरकार निर्णय लेती है, हम टीआरआई से रिपोर्ट मांगेंगे। नेहा शिल्पी ने विधानसभा की कमेटी बनाने की मांग की, जिसका कई विधायकों ने समर्थन किया। टीआरआई सही से अपना काम ठीक से नहीं किया, इसलिए विधानसभा की कमेटी बने। उन्हाेंने कहा कि 2025 के नेशनल जनगणना के पहले यह काम हो नहीं हुआ तो आदिवासी की संख्या फिर घटेगी।
दीपक बिरुवा ने कहा कि टीआरआई की रिपोर्ट को ही नेशनल एसटी आयोग मानती है। इसलिए टीआरआई के माध्यम से ही ये हो सकता है। इसके लिए विधानसभा की कमेटी की कोई जरूरत नहीं है। मंत्री ने कहा कि आदिवासी मंत्री के साथ बैठक करके रिपोर्ट लेंगे लेकिन नेहा तिर्की कमेटी गठन कर वोटिंग की मांग पर सदन में अड़ीं। बादल पत्रलेख ने कहा कि इन मांगों के लेकर आंदोलन कर रहे हैं, उनका केस वापस हो और मैं नेहा की मांग को सपोर्ट करता हूं। स्पीकर के निवेदन पर नेहा तिर्की ने गैर सरकारी संकल्प वापस लिया और कहा कि मैं भारी मन से इसे वापस ले रही हूं।