रांची। झारखंड राज्य के अंतर्गत सभी लेबल क्रॉसिंग की सूची तैयार की जायेगी। इन लेबल क्रासिंग के स्थान पर आरओबी, आरयूबी, एनएचएस, एलएचएस या किसी अन्य व्यवहारिक संरचना का निर्माण किया जायेगा। झारखंड सरकार के पथ निर्माण विभाग और दक्षिण पूर्व रेलवे के बीच इस संबंध में एमओयू साइन किया जायेगा। यह काम रेलवे और पथ निर्माण विभाग अब मिलकर करेगा। आरओबी निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति दी जायेगी। इसके निर्माण लागत, संशोधन, बदलाव इत्यादि रेलवे और पथ विभाग के सहयोग से तय किया जायेगा। राशि का आवंटन भी रेल मंत्रालय और झारखंड सरकार करेगी।
चरणबद्ध तरीके से लेबल क्रासिंग को समाप्त किया जायेगा। आरओबी निर्माण और एप्रोच रोड के लिए सरकार की जमीन ली जानी होगी, तो उसकी स्वीकृति दिलायी जायेगी। यह एमओयू एनएच पर लागू नहीं होगा। सिर्फ रेलवे लेबल क्रॉसिंग के लिए काम करेगा। दो लेन या चार लेन आरओबी, आरयूबी निर्माण इत्यादि के लिए मानक तय किये गये हैं। आरओबी निर्माण की कुल लागत का 50 प्रतिशत रेलवे और 50 फीसदी झारखंड सरकार वहन करेगी। इसके अतिरिक्त अप्रोच, डायवर्सन और स्ट्रक्चर निर्माण की लागत भी राज्य सरकार वहन करेगी। एमओयू जल्द ही रेलवे और राज्य सरकार के नामित पदाधिकारी के बीच साइन किया जायेगा।
दरअलस, रेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जनवरी 2019 में ब्रॉड गेज नेटवर्क से शत-प्रतिशत मानवरहित लेबल क्रॉसिंग समाप्त कर रोड-रेल यूजर्स की सुरक्षा को देखते हुए एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। रेलवे द्वारा मानवयुक्त लेबल क्रॉसिंग को समाप्त करने के लिए अगले लक्ष्य के निमित राज्य सरकार से भी कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में सिंगल एनटाइटी आधार पर परियोजनाओं के निर्माण के लिए अनुरोध किया गया है। इस क्रम में रेल मंत्रालय द्वारा एमओयू का प्रारूप दिया गया था, जिसका अध्ययन करने के बाद उसमें कुछ संशोधन किया गया और फिर से नये प्रारूप को सरकार ने सहमति दी है।