कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने एक ट्वीट के जरिए राज्य की कानून व्यवस्था और टीएमसी सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। शनिवार उन्होंने 14 अगस्त को आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई तोड़फोड़ और महिला प्रशिक्षु डॉक्टरों के ‌साथ एक महिला पुलिस अधिकारी पर हुए हमले के लिए पुलिस और टीएमसी के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया है। दरअसल कोलकाता पुलिस की ओर से इस महिला की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर कर पूछा गया था कि क्या रात उनकी नहीं थी?

शुभेंदु अधिकारी ने ट्वीट में लिखा, “रात हर महिला की थी, लेकिन दुर्भाग्य से पश्चिम बंगाल पुलिस और कोलकाता पुलिस महिलाओं को सुरक्षा देने के काबिल नहीं थीं। डॉक्टर, नर्सें, पुलिसकर्मी या सड़कों पर विरोध कर रही महिलाएं—किसी के पास सुरक्षा नहीं थी क्योंकि पुलिस बल अक्षम था और टीएमसी गुंडों के साथ मिले हुए थे, जिन्होंने पहले से योजना बनाकर इस तोड़फोड़ को अंजाम दिया।”

उन्होंने टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रशिक्षु महिला पुलिसकर्मी (ट्रैनी सी नंबर 702) पर हुए हमले की कड़ी निंदा की और सवाल उठाए, “क्या घायल महिला पुलिस कर्मी का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है? मेरे सूत्रों के अनुसार वह अभी भी प्रशिक्षु है और नियमानुसार कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात नहीं की जा सकती। अगर वह प्रशिक्षु है, तो 14 अगस्त की शाम को उसकी अवैध तैनाती के लिए कौन जिम्मेदार है?”

शुभेंदु अधिकारी ने सवाल किया है कि इस जघन्य कृत्य के लिए जिम्मेदार टीएमसी गुंडे की पहचान की गई है या नहीं। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इन सवालों का जवाब मांगा है।

यह ट्वीट पश्चिम बंगाल की राजनीतिक स्थिति में एक नए विवाद का संकेत है, जिसमें राज्य की सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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