रांची। झारखंडी छात्र उलगुलान संघ सहित कई स्टूडेंट्स सोशल मीडिया पर जॉब के लिए आजकल ज्यादा ही मुखर हो रहे। स्थिति यह रही है कि 10 अगस्त की आधी रात होते ही #युवा_विरोधी_हेमंत_सरकार एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर टॉप पर आ गया था। एग्जाम फाइटर ग्रुप से जुड़े कई स्टूडेंट्स ने इसे अपने-अपने एक्स पर शेयर भी किया है। कुणाल प्रताप सिंह नामक युवक ने लिखा है कि पूरे भारत वर्ष में झारखंडी युवाओं का मुद्दा नंबर 1 पर ट्रेंडिंग हुआ। शाबाश मेरे साथियों। कुछ टुच्चे भी हमारे इस अभियान को खराब करने में लगे थे। आइडी (एक्स वेली) को रिपोर्ट करने में जुटे थे पर युवाओं ने अपनी ताकत से सबको चारों खाने चित्त कर दिया। झारखंडी युवा जिंदाबाद।
इसी तरह से दूसरे स्टूडेंट्स ने 2019 और 2024 के पेपरों में हेमंत सोरेन द्वारा रोजगार के संबंध में छपी खबरों को शेयर किया है। 2019 के पेपर में छपी खबर की हेडिंग है- सरकार बनी, तो एक साल में नौकरी, नहीं तो राजनीति से संन्यास। 2024 की छपी खबर है- हर परिवार को देंगे एक लाख रुपये, फार्मूला तैयार। इसके साथ ही स्टूडेंट्स ने कहा है कि 5 साल में 5000 नौकरी भी नहीं दे पाए। हर परिवार को एक लाख रुपये देने का वादा एक और झूठा वादा है। अबकी बार जनता हेमंत सोरेन के झांसे में नहीं आएगी।
जारी है रोजगार की डिमांड
गौरतलब है कि झारखण्ड के स्टूडेंट्स के स्तर से राज्य सरकार से लगातार रोजगार देने की डिमांड सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के अलावा दूसरे माध्यमों से भी उठाई जा रही है। इसी क्रम में झारखंडी छात्र उलगुलान संघ की ओर से 10 अगस्त को ट्विटर अभियान चलाया गया जिसे बड़ी सफलता मिली और यह एक्स पर टॉप में ट्रेंड करने लगा था। संघ ने अब 16 अगस्त को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में शाम 6 बजे सीएम हेमंत सोरेन का पुतला दहन का कार्यक्रम तय किया है। 17 अगस्त को मोरहाबादी बापू वाटिका से पैदल मार्च और सीएम हाउस घेराव का भी प्लान तय किया है। वैसे स्टूडेंट्स के सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे कैंपेन और अन्य कार्यक्रमों को सत्ता पक्ष से जुड़े लोग चुनावी स्टंटबाजी बता रहे। उनके मुताबिक अगले कुछ महीने में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में युवाओं के नाम पर विरोधी दल अपनी सियासत कर लाभ उठाना चाह रहे।
भाजपा है हमलावर
गौरतलब है कि भाजपा लगातार रोजगार के सवाल पर हेमंत सोरेन सरकार की नीयत पर उंगली उठा रही है। पार्टी के मुताबिक 2019 के दौरान हेमंत सोरेन ने हर साल एक लाख युवाओं को नौकरी देने की बात कही थी। इस आधार पर अबतक 5 लाख युवाओं को नौकरी मिलनी चाहिए थी। पर सरकार ने धोखा किया। नियोजन, स्थानीय नीति तय नहीं कर सकी। अब इसी महीने 23 अगस्त को राजधानी में लाखों युवा आक्रोश रैली में जुटेंगे और युवा विरोधी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे।