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    Home»विशेष»आंसू गैस, आंखें लाल, दमघोंटू माहौल और भागमभाग
    विशेष

    आंसू गैस, आंखें लाल, दमघोंटू माहौल और भागमभाग

    shivam kumarBy shivam kumarAugust 24, 2024No Comments6 Mins Read
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    23rd August 2024: Police personnel use water cannon and tear gas to disperse the gathering of BJP workers during BJP’s Yuva Aakrosh Rally in Ranchi on Friday. August 23,2024. Photo by Mukesh Kumar Bhatt: PD100017
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    आंखों देखी
    कुछ के पैरों से खून बह रहा था, तो कुछ सांसें नहीं ले पा रहे थे
    गाड़ियों में टांग अस्पताल की ओर भागते भाजपा नेता
    आंसू गैस की तीव्रता का एहसास गांधी जी की प्रतिमा तक भी थी
    राकेश सिंह

    भागो-भागो सांस नहीं ली जा रही है, दम घुट रहा है, आंखें जल रही हैं, आंसू नहीं रुक रहे, कोई रुमाल दो, अरे अपना कपड़ा चेहरा पर बांध लो, मैं हार्ट का मरीज हूं, मर जाऊंगा, हम लोग कोई आतंकवादी हैं, जो इस तरह से प्रशासन हमलावर है। इतने में दो पैकेट जैसा कुछ लोगों के बीच गिरता है, अचानक से विस्फोट होता है। भीड़ से आवाज आ रही है, अरे बम मार रहा है क्या, भागो। हर तरफ भागते लोग, हांफते लोग, एक वक्त तो ऐसा भी आया कि लोगों का दम घुटने लगा। लोग सांस नहीं ले पा रहे थे। आंसू गैस की तीव्रता इतनी अधिक थी कि दो से तीन सौ मीटर दूर खड़ लोगों को सांस लेने में कठिनाई होने लगी। वे खांसने लगे।

    जैसे ही बाबूलाल मरांडी ने मंच से कहा हेमंत सरकार की उलटी गिनती शुरू, आंसू गैस का गोला आ गिरा
    भीड़ मैदान में जमा थी। बाबूलाल मरांडी मंच से बोल रहे थे। जैसे ही बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार की उलटी गिनती शुरू हो गयी है, तभी अचानक आंसू गैस का एक गोला मंच से कुछ दूर आ गिरा। भीड़ तीतर-बितर होने लगती है। कुछ कार्यकर्ता बदहवास होकर भागने लगते हैं। दरअसल रैली पर नियंत्रण के लिए प्रशासन ने कंटीले तारों से बैरिकेडिंग कर रखी थी। बेरिकैडिंग पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के आवास और आॅक्सीजन पार्क की तरफ की गयी थी। भाजपा कार्यकर्ता बैरिकेडिंग के पास नारेबाजी कर रहे थे। इसी बीच उन लोगों ने बैरिकेडिंग को हिलाना शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने प्लास से नुकीले तारों को काटना शुरू किया। इसी बीच पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। वाटर कैनन की धार के साथ ही रैली में जुटे कार्यकर्ताओं का जोश उफान मारने लगता है। वे हेमंत सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगते हैं। यह संवाददाता भी कैमरा लिये यह दृश्य कैप्चर कर रहा था। तभी अचानक से हवा में एक विस्फोट होता है। यह संवाददाता भी भाग कर दूसरी तरफ जाता है। उसकी आंखों में भी जलन होने लगती है। बीच-बीच में वाटर कैनन का प्रयोग होता रहता है। हेमंत सरकार के खिलाफ नारेबाजी अब और तेज होने लगती है। भाजपा कार्यकर्ता सरकार से साढ़े चार साल का हिसाब मांग रहे हैं। युवाओं की नौकरी का क्या हुआ, यह सवाल पूछ रहे हैं। सरकार को वे वादे याद दिला रहे हैं, जो सत्ता में आने से पहले किया गया था। भाजपा कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए जब पुलिस प्रशासन के लोग सख्ती दिखाते हैं, तो कार्यकर्ता कंटीले तारों से लैश बैरिकेडिंग को उखाड़ फेंकते हैं। उन तारों को पास की नाली की ओर फेंक देते हैं। यह कंटीले तारों से लेस बैरिकेडिंग उखाड़ने का पहला पड़ाव था। लेकिन तभी पुलिस और उग्र तरीके से आंसू गैस के गोले छोड़ना शुरू करती है। सब आंख मींचते हुए भागने लगते हैं। क्या नेता, क्या कार्यकर्ता और क्या पत्रकार, सभी आंख मींच रहे होते हैं। कुछ पत्रकार भी कहते हैं, इतना इंटेंसिटी वाला आंसू गैस पहले महसूस नहीं किया। थोड़ा पीछे हटने के बाद भाजपा कार्यकर्ता फिर से बैरिकेडिंग की ओर रुख करते हैं। वे पहले से ज्यादा जोश और गुस्से में हैं। भाजपा कार्यकर्ता नारों के माध्यम से आंदोलन को धार दे रहे हैं। हेमंत सरकार से हिसाब मांग रहे हैं। पुलिस का तेवर कड़ा होता है और रैली में आये युवाओं को रोकने के लिए उपकरणों का प्रयोग तेज कर देती है। इसी बीच भगदड़ में अचानक से एक भाजपा कार्यकर्ता को टांगे हुए कुछ भाजपा समर्थक गाड़ी की ओर भाग रहे हैं। उस कार्यकर्ता के पैरों से खून निकल रहा था। वह कह रहा है कि कुछ छर्रा जैसा पैर में आकर लगा। पैर फट चुका था। खून की धार और दर्द के बीच भी वह कार्यकर्ता जोर-जोर से नारा लगा रहा है। तभी अचानक से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष यदुनाथ पांडेय को भी जख्मी हालत में टांग कर भाजपा कार्यकर्ता आगे बढ़ते हैं। उनका भी पैर फट गया था। साथ में विरंची नारायण भी हैं। यदुनाथ पांडेय के पैर से खून का रिसाव हो रहा था। उनको भी टांग कर गाड़ी में बिठा कर अस्पताल ले जाया गया। उधर बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा मंच से उतर कर आॅक्सीजन पार्क वाली बैरिकेडिंग की तरफ कार्यकताओं के पास पहुंचते हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं पर वाटर कैनन दागा जा रहा था, तभी अचानक से कोई विस्फोटक आता है और फटता है। विस्फोटक में डाई मार्कर ग्रेनेड का निशान लगा हुआ है। उधर आंसू गैस के कुप्रभाव के कारण प्रतिपक्ष के नेता अमर बाउरी और रांची के विधायक सीपी सिंह की आंखों में जलन होने लगती हैं और वे लोग आंखों में पानी मारते हुए लंबी-लंबी सांसें ले रहे हैं। आंखें बिल्कुल लाल हो गयी हैं। बाउरी आंखें मींचते हुए कहते हैं कि आप लोग देखिये, पुलिस प्रशासन हम लोगों के साथ ऐसा व्यवहार कर रहा है, मानों हम आतंकवादी हैं। सीपी सिंह कह रहे हैं, हम डरनेवाले नहीं हैं। हम लड़ेंगे और अंजाम तक पहुंचेंगे।

    बाउरी कह रहे हैं कि भाजपा का आंदोलन उग्र नहीं था, लेकिन फिर भी पुलिस ने इस तरह का बल प्रयोग कैसे कर दिया, यह समझ से परे है। जब यह संवाददाता यह दृश्य कैमरे में कैद कर रहा था तो उसने देखा कि भाजपा की कुछ महिला कार्यकर्ता आंखें मीचते जमीन पर बैठी हुई हैं। आंखों में पानी मार रही हैं। आंखें लाल हो चुकी हैं। वे जोर से हांफ रही हैं, कह रही हैं कि पुलिसवाले भद्दी-भद्दी गालियां दे रहे हैं, लाठियां बरसा रहे हैं। हम तो सिर्फ नारेबाजी कर रहे थे। उनका कहना था कि महिलाओं पर पुरुष पुलिस कैसे लाठी मार सकती है। हर तरफ अफरा तफरी का माहौल था। भगदड़ मची हुई थी। उधर प्रेस क्लब जो करीब 200 मीटर पर स्थित है, वहां से भी आंखों में जलन की सूचना आने लगी। लोग वहां भी खांस रहे थे। समझा जा सकता है कि आंसू गैस कितना प्रभावी था। यह संवाददाता भी आंखों में आंसू लिये और खासते हुए दृश्य को कैप्चर कर रहा था। आंसू गैस की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि पूरा चेहरा जल रहा था। सांस नहीं ली जा रही थी। मैं रुमाल ढूंढ़ रहा था, मिली नहीं, अपनी टीशर्ट में नाक डाल कर सांस लेने की कोशिश करने लगा। मेरे बगल से एक व्यक्ति भागा। बोला कि उसे सांस लेने में कठिनाई हो रही है। पीछे से उसका साथी बोला, यह हार्ट का पेशेंट हैं। लोग गांधी जी की प्रतिमा की ओर भागने लगे। इसी बीच कई लोग पानी से अपना चेहरा धो रहे थे, मैंने भी उनसे पानी मांगा और अपनी आंखों को धोया। यकीन मानिये एक वक्त तो सही मायने में ऐसा प्रतीत हुआ कि दम घूंट जायेगा, जितना भागा जाये कम पड़ रहा था। लेकिन आंसू गैस की तीव्रता पीछा नहीं छोड़ रही थी।

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    shivam kumar

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