रांची। तेनूघाट विद्युत निगम लिमिटेड हर महीने जेबीवीएनएल को लगभग 80 करोड़ का बिजली देता है। पिछले कुछ समय से जेबीवीएनएल की ओर से टीवीएनएल को हर महीने 20 से 25 हजार भुगतान किया जा रहा है, जिससे टीवीएनएल का बकाया राशि बढ़ गया है। टीवीएनएल सूत्रों की मानें तो यह बकाया वर्तमान में 6000 करोड़ है। जेबीवीएनएल या राज्य सरकार की ओर से अगर यह राशि दे दी जाती, तो टीवीएनएल का आर्थिक संकट दूर हो सकता है।
बता दें टीवीएनएल के दो यूनिट से लगभग 420 मेगावाट बिजली उत्पादन होता है। प्रत्येक यूनिट से 210 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जाता है। वहीं, टीवीएनएल राज्य का एकमात्र विद्युत उत्पादन संयंत्र है। ऐसे में बकाया भुगतान होने से टीवीएनएल कोयला खरीदने की समस्या समेत अन्य समस्याओं से उभर सकता है। पिछले दिनों टीवीएनएल मजदूर यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम से इस मामले में मुलाकात की थी, जिसमें इन बातों की जानकारी दी गयी थी।
तेनूघाट विद्यूत निगम लिमिटेड के विस्तारीकरण का मामला भी अब तक लंबित है, जबकि इसका राष्ट्रीय तय उत्पादन औसत मानक 75 फीसदी अधिक है। वर्तमान सरकार ने भी साल 2023-24 में टीवीएनएल विस्तारीकरण को आम बजट में स्वीकृति दी थी। इसके बाद भी इस पर अब तक कोई पहल नहीं की गयी। जानकारी हो कि विस्तारीकरण योजना के तहत टीवीएनएल में 600 मेगावाट की दो यूनिट स्थापित किया जाना है। टीवीएनएल का प्रस्तावित विस्तारीकरण सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट का सैद्धांतिक स्वीकृति वर्ष 2016 में ही झारखंड कैबिनेट से प्राप्त है। वर्तमान सरकार के वित्तीय वर्ष 2023-24 के आम बजट में भी टीवीएनएल का विस्तारीकरण करने की योजना पर स्वीकृति दी गयी है।
25 फीसदी की कटौती शुरू
तेनूघाट बांध प्रमंडलीय कार्यालय की ओर से बोकारो स्टील सिटी की जलापूर्ति में 25 फीसदी कटौती कर दी गयी है। एक अगस्त से ये कटौती जारी है। विभागीय आदेश के बाद तेनूघाट बांध प्रबंधन की ओर से इस पर निर्णय लिया गया। इसके पहले तेनूघाट बांध प्रमंडलीय कार्यालय की ओर से बीएसएल को पत्राचार कर चेतावनी दी गयी थी, जिसमें जलापूर्ति बंद करने की बात कही गयी थी। नोटिस में बोकारो स्टील सिटी प्रबंधन को जलापूर्ति की बकाया राशि जल्द से जल्द भुगतान करने की बात कही गयी।
हाइकोर्ट ने दिया था आदेश
कुछ दिन पहले हाइकोर्ट ने बीएसएल टाटा समेत बड़ी कंपनियों को आदेश जारी किया था। आदेश में सरकारी जलापूर्ति की बकाया राशि के भुगतान की बात कही गयी थी, जिसके बाद विभाग की ओर से इस पर कारवाई की जा रही है। बता दें अगर 15 अगस्त तक बीएसएल की ओर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो जलापूर्ति कटौती में वृद्धि की जा सकती है।