मुंबई। महाराष्ट्र के पुणे जिले के यवत में शुक्रवार को हिंसा के बाद कर्फ्यू लगाने के साथ अगले ४८ घंटों के लिए पूरे इलाके में निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है। पुलिस और सुरक्षा बलों ने भी फ्लैग मार्च किया है। इसके साथ पुलिस ने इस मामले में अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया है।

जिलाधिकारी जीतेंद्र डूडी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में तनावपूर्ण शांति व्याप्त है और आज यवत पूरी तरह से बंद है। पुलिस ने शनिवार को यवत के सहकार नगर, इंदिरा नगर, स्टेशन रोड स्थित मस्जिद तक लांग मार्च किया और लोगों को शांत रहने की अपील की थी।

पुणे जिला ग्रामीण पुलिस अधीक्षक संदीप गिल ने बताया कि यवत में एक युवक द्वारा सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट वायरल करने के बाद शुक्रवार को सुबह से तनाव उत्पन्न हो गया था। इस मामले में पुलिस ने आपत्तिजनक पोस्ट डालने वाले युवक समेत मारपीट, आगजनी, तोड़फ़ोड़ करने वाले १५ लोगों को गिरफ्तार किया है। यवत में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है और क्षेत्र में शांति कायम है।

भाजपा विधायक राहुल कुल ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि यवत में बाहरी व्यक्ति द्वारा आपत्तिजनक पोस्ट डालने से गाँव में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई थी। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया और स्थिति को नियंत्रण में करने का प्रयास किया है। जब कुछ लोगों ने अराजकता फैलाने की कोशिश की, तो पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा। लेकिन यवत में स्थानीय लोगों की बैठक हुई है और सभी लोग क्षेत्र में शांति स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं।

उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने शनिवार को बताया कि यवत में जिलाधिकारी जीतेंद्र डूडी ने आगामी ४८ घंटों के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि जिले के संरक्षक मंत्री के नाते वे यवत गांव की घटना पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने यहां सभी समाज के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में हैं।

इस घटना के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बाहरी व्यक्ति के आपत्तिजनक पोस्ट से यहां स्थिति बिगाडऩे का प्रयास किया गया था, लेकिन स्थिति नियंत्रित कर ली गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस कठोर कार्रवाई करेगी और दोषियों को कठोर सजा दिलाई जाएगी।

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