काठमांडू। राजतंत्र समर्थक और राजावादी आंदोलन का नेतृत्व करने वाले दुर्गा प्रसाई को उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जेल से रिहा कर दिया गया। अपनी रिहाई के कुछ ही समय बाद प्रसाई ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेट फार्म फेसबुक पर देश और विदेश में नेपालियों को उनके समर्थन, सहायता और प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद दिया।

जेल से रिहा होने के बाद पत्रकारों को संक्षिप्त प्रतिक्रिया देते हुए दुर्गा प्रसाई ने कहा कि जब जिला अदालत ने उन्हें कारावास का आदेश दिया, तब भी फैसले का सम्मान किया और स्वेच्छा से जेल चला गया तथा आज जब उच्च न्यायालय के आदेश से रिहा किया गया तो राष्ट्र निर्माण के लिए भविष्य की योजनाओं के साथ घर लौटा हूं।

न्याय पालिका के प्रति आभार व्यक्त करते हुए प्रसाई ने कहा, “मैं सभी सम्मानित न्यायाधीशों और पूरे अदालत परिवार को यह विश्वास दिलाने के लिए हार्दिक धन्यवाद देता हूं कि देश में न्याय प्रणाली अभी मृत नहीं है।”

प्रसाई ने जेल प्रशासन, नेपाल पुलिस और साथी कैदियों के प्रति उनकी कैद के दौरान सहयोग के लिए उनकी सराहना की।

राष्ट्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए उन्होंने कहा, “मैं देश के लिए था, हूं और हमेशा रहूंगा। सत्ता और शासन बदल सकती हैं, लेकिन मेरा चरित्र नहीं बदलेगा।

काठमांडू जिला अदालत के आदेश के अनुसार प्रासाई को 13 जून को दिल्लीबाजार जेल भेजा गया था। हालांकि, उच्च न्यायालय ने आज कई लंबित मामलों में 28 लाख रुपये की जमानत के भुगतान पर उनकी रिहाई का आदेश दिया। अदालत के निर्देश के बाद उन्हें सोमवार को जेल से रिहा कर दिया गया।

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