नई दिल्ली। लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी। इस सत्र में 14 विधेयक प्रस्तुत किए गए और 12 विधेयक पारित हुए। विपक्ष के बिहार में मतदाता सूची अपडेट की प्रक्रिया और अन्य मुद्दों पर हंगामा के चलते कार्यवाही प्रभावित रही।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सत्र के समापन पर सदन में हुए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नियोजित व्यवधानों के कारण 120 घंटे की तय चर्चा में से केवल 37 घंटे ही चर्चा संभव हो पाई। सत्र 21 जुलाई को प्रारंभ हुआ था और आज इसकी समाप्ति की घोषणा की जा रही है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी सदन में उपस्थित रहे।
बिरला ने बताया कि सदन में 28-29 जुलाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा हुई, जिसका समापन प्रधानमंत्री के जवाब से हुआ। इसके अलावा 18 अगस्त को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर विशेष चर्चा आयोजित की गयी। इस सत्र में 419 तारांकित प्रश्न पूछे जाने के लिए सूचीबद्ध किए गए थे। किंतु लगातार व्यवधानों के कारण केवल 55 प्रश्नों के ही मौखिक उत्तर दिए जा सके।
उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि प्रारंभ में तय हुए 120 घंटे की चर्चा के स्थान पर मात्र 37 घंटे की ही कार्यवाही हो पाई। उन्होंने कहा कि संसद जनता की अपेक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है। इसलिए सदन में मर्यादित भाषा और आचरण बनाए रखना आवश्यक है। नारेबाज़ी, तख्तियां दिखाना और नियोजित गतिरोध संसदीय परंपराओं और गरिमा के अनुरूप नहीं हैं। असहमति लोकतंत्र का हिस्सा है, परंतु उसे शालीनता और गरिमा के साथ व्यक्त किया जाना चाहिए। उन्होंने राजनीतिक दलों और सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वे आत्ममंथन करें और संसद को जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप सार्थक चर्चा का मंच बनाएं।