कोलकाता। पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने मतदान केंद्रों की संख्या में बड़ी बढ़ोतरी की तैयारी की है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक, जहां पिछले दो चुनावों में कुल 80,680 मतदान केंद्र थे, वहीं 2026 के चुनाव में यह संख्या बढ़कर 94 हजार से अधिक हो जाएगी। यह करीब 16.50 प्रतिशत की वृद्धि है।
सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार, अब किसी भी केंद्र पर मतदाताओं की संख्या 1,200 से अधिक नहीं होगी। इसी वजह से अतिरिक्त केंद्र बनाए जा रहे हैं। इस संबंध में राज्य की सभी राजनीतिक पार्टियों को जानकारी दे दी गई है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया है कि सीईओ कार्यालय ने चुनाव आयोग को सूचित किया कि राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवश्यक जमीनी तैयारी पूरी हो चुकी है। यह रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारियों से प्राप्त विवरण के आधार पर तैयार की गई और दिल्ली स्थित आयोग मुख्यालय को भेजी गई। बंगाल में पिछली बार एसआईआर वर्ष 2002 में हुआ था।
इस साल बिहार में यह प्रक्रिया हाल ही में पूरी हुई है, जहां विधानसभा चुनाव इसी वर्ष होने वाले हैं। बंगाल में भी यह प्रक्रिया अब कभी भी शुरू हो सकती है, हालांकि इसे लेकर सियासी टकराव तेज है।
अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (तृणमूल कांग्रेस) का आरोप है कि यह पुनरीक्षण अभ्यास भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से बंगाल में एनआरसी लागू करने की साजिश है और चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है।
वहीं, भाजपा का कहना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस इस प्रक्रिया का विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इसमें कई अवैध रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची से हट सकते हैं।