सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया कि राष्ट्रीय पात्रता और प्रवेश परीक्षा (नीट) के विरोध में होने वाले राज्य में किसी भी आन्दोलन को रोका जाए। मेडिकल की एक दलित अभ्यर्थी एस. अनीता द्वारा आत्महत्या करने के बाद से राज्य में विरोध तेज हो गया है।

शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को सरकार को यह भी निर्देश दिया कि राज्य में किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करने और सामान्य जनजीवन को बाधित करने वाली किसी भी गतिविधि में शामिल होने वालों के खिलाफ कानून के तहत मुकदमा चलाएं।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इसके साथ ही राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने तथा छात्रा की आत्महत्या की घटना को लेकर हो रहे विरोध से सामान्य जनजीवन को प्रभावित नहीं होने देने के निर्देश के लिए दायर याचिका पर तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया। पीठ ने कहा कि नीट को संविधान पीठ पहले ही बरकरार रख चुकी है।

अनीता ने शीर्ष अदालत के फैसले के एक सप्ताह बाद एक सितंबर को आत्महत्या कर ली थी। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि तमिलनाडु में नीट के आधार पर ही मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी।

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